लन्दन, वर्चुअल मुद्रा बिटकॉइन की कीमत पहली बार 10,000 डॉलर (6.5 लाख रुपये) का आंकड़ा पार कर गई है। 2017 में ही इस वर्चुअल मुद्रा की कीमत दस गुना बढ़ गई है। इस महीने बिटकॉइन की कीमत में इस उछाल की वजह सीएमई समूह और शिकागो बोर्ड ऑप्शंस एक्सचेंज द्वारा बिटकॉइन फ्यूचर्स लाने की घोषणा है। 31 अक्टूबर को सीएमई समूह की इस घोषणा के तुरंत बाद बिटकॉइन की कीमत पहली बार 7,000 डॉलर (4.52 लाख रुपये) का आंकड़ा पार कर गई थी। शिकागो बोर्ड ऑप्शंस एक्सचेंज ने 17 नवंबर को अपनी योजना साझा की थी। निवेशकों ने बिटकॉइन का आपराधिक तत्वों द्वारा इस्तेमाल किए जाने का भय निकाल दिया है और इसमें निवेश कर रहे हैं।
बिटकॉइन कारोबार से जुड़ी ब्लॉकचेन डॉट इंफो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर स्मिथ ने कहा, ‘अब हमारे पास लाखों सक्रिय यूजर्स हैं, जबकि पिछले साल लाख भी नहीं थे।’ हालांकि, इसे संदेह की नजर से देखने वाले इसकी कीमत में इस उछाल को अस्थायी मान रहे हैं। इसे जालसाजी बताने वाले जेपी मॉर्गन के प्रमुख जेमी डिमन का कहना है कि इसका वास्तविक वित्त बाजार या अर्थव्यवस्था की स्थिति से कोई लेना देना नहीं हैं। बिटकॉइन का कोई कागजी दस्तावेज नहीं होता है, इसलिए इसे वर्चुअल मुद्रा कहा जाता है। इसमें इंक्रिप्शंस और ब्लॉक्डचेन डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे धन का पारंपरिक भुगतान व्यवस्था के बाहर तेजी से और बेनामी भुगतान संभव हो पाता है। खबरों के मुताबिक नवंबर, 2010 में एक बिटकॉइन की कीमत मात्र 0.22 डॉलर थी। माना जा रहा है कि इस समय दुनिया में बिटकॉइन की संख्या 1.7 करोड़ है जिनकी कुल कीमत 10.32 लाख करोड़ रुपये है। हालांकि, भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने बिटकॉइन को मान्यता नहीं दी है।