रायगढ़,एसईसीएल जामपाली कोयले की खदान में 22 तारीख को एसईसीएल के सीएमडी का आगमन हुआ जिसपर की निरीक्षण के दौरान सीएमडी ने जामपाली की समस्याओं से रूबरू नहीं होते हुए अधिकारी की झूठी तारीफ करते नहीं थे।
जामपाली कोयले की खदान में अवैध वसूली टन पीछे सौ रुपए जैसे पार्किंग की अव्यवस्था पर्यावरण संबंधी नियमों का पालन नहीं करना जैसे कई सारी समस्याएं जामपाली पर लगातार बनी हुई है इस समस्याओं से निरीक्षण पर आने वाले बिलासपुर सीएमडी एसईसीएल के उच्चाधिकारी ने इन समस्याओं से रूबरू होना वाजिब नहीं समझा और जामपाली के अधिकारी के मार्गदर्शन में खदान का निरीक्षण किया गया जिस पर की या तो सीएमडी को गुमराह किया गया या फिर सीएमडी खुद ही अधिकारियों की बातों पर आकर झूठी वाहवाही की।
ब्लास्टिंग में होती है नियमों की अनदेखी
जामपाली कोयले की खदान में समस्याओं का अंबार तथा अवैध वसूली और कोयले डिस्पैच पर सेटिंग इन सब समस्या के साथ साथ बड़ी समस्या सामने आई है जिसमें खदान में कोयले उत्खनन के लिए बारूद का उपयोग कर ब्लास्टिंग किया जाता है जो कि एक पैमाना के हिसाब से ही समय समय पर ब्लास्टिंग होना तय है लेकिन एसईसीएल जामपाली के ब्लास्टिंग सेक्शन की क्षेत्रवासियों ने शिकायत कि है कि बिना पैमाना वह जब चाहे तब ब्लास्टिंग कर दिया जाता है जिससे कि भारी मात्रा में हमारे मकानों को छती पहुंच रही है और पक्के मकान भी छतों व दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई है इस पर सीएमडी की नजर नहीं गई ऐसे में कैसे माना जाएगा कि बिलासपुर सीएमडी द्वारा जामपाली खदान पर निरीक्षण किया गया यह तो केवल एक औपचारिकता ही बतलाई जा रही है जिससे कि निचले अधिकारियों के हौसले और बुलंद होगें और खदान में गड़बडिय़ां ऐसे ही चलती रहेगी इसलिए जामपाली खदान की उच्च स्तरीय जांच होना स्वाभाविक है पहले भी सीबीआई की जांच हुई थी उस पर क्या कार्यवाही की गई आज तक क्षेत्रवासियों को पता नहीं है ऐसे में जनता न्याय पर कैसे विश्वास करेगी।
करोड़ों का जलता कोयला नही दिखा सीएमडी को
खदान में कई दिनों से करोड़ों रुपए के जलते कोयले साहब को नजर नहीं आए या फिर नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ गए ऐसे में निरीक्षण का क्या अर्थ निकला उल्टा खदान में हो रहे नुकसान ऐसे ही होते रहेंगे या फिर जिम्मेदार अधिकारी के ऊपर किसी प्रकार कार्यवाही भी होगी।