इंदौर,इंदौर की फैमिली कोर्ट ने मुस्लिम संस्था दारुल कजा द्वारा पत्नी को तलाक दिए जाने के खिलाफ स्थगन जारी किया है। फैमिली कोर्ट ने स्थगन आदेश देते हुए प्रकरण पर निर्णय होने तक तलाक शुदा पत्नी की शादी पर अंतरिम रोक लगाई है।
देश में यह पहला मामला है। जहां एक मुस्लिम युवक ने अपनी शादी को बचाने के लिए दारुल कजा के निर्णय के खिलाफ फैमिली कोर्ट में शरण ली है। फैमिली कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुबोध कुमार जैन ने आदिल पानवाला की याचिका पर अंतरिम स्थगन जारी किया है। युवक की ओर से एडवोकेट अमर सिंह राठौड़ ने आवेदक की पत्नी और दारुल कजा के पदाधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए फैमिली कोर्ट में अपील प्रस्तुत की थी।
अपील के अनुसार याचिकाकर्ता ने खिजराबाद कॉलोनी खजराना निवासी युवती से 2009 में निकाह किया था। उनके दो पुत्र हैं जिनकी उम्र 7 वर्ष और 2 वर्ष है। अधिवक्ता राठौर ने अदालत को बताया कि घरेलू विवाद के चलते 8 जनवरी 2017 को पत्नी ने आदिल को घर से निकालकर सारा सामान अपने कब्जे में ले लिया। उसके बाद 25 जनवरी 2017 को उसकी पत्नी ने दारुल कजा छोटी ग्वालटोली मस्जिद इंदौर में तलाक प्रस्तुत किया । 13 फरवरी 2017 को उसके पक्षकार ने दारुल कजा में अपना जवाब प्रस्तुत करते हुए कहा था, कि दारूल कजा को कोई विधिक मान्यता इस तरह के निर्णय लेने की नहीं है। आवेदक की आपत्ति के बाद भी दारुल कजा के पदाधिकारियों ने 14 सितंबर 2017 को युवती के पक्ष में तलाक स्वीकृत कर लिया। इसके खिलाफ युवती का पति फैमिली कोर्ट में पहुंचा जहां से उसे स्टे मिला।