1990 से अपराजित हैं भाजपा विधायक महेन्द्र मशरू,चुनाव नहीं लड़ेंगे भरतसिंह सोलंकी,भाजपा में धमकी और इस्तीफे

जूनागढ़,गुजरात विधानसभा के पहले चरण के चुनाव में जूनागढ़ सीट पर मतदान होगा और भाजपा ने 27 साल से लगातार विधायक रहे महेन्द्र मशरू को उम्मीदवार बनाया है.जूनागढ़ के वर्तमान विधायक महेन्द्र मशरू ने 1990 में साइकल चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था और विजय हुए थे.
जिसके बाद 1995 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की थी. 1995 में महेन्द्र मशरू ने जीत का रिकार्ड बनाया| जिसमें उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाली भाजपा, कांग्रेस और जनता दल, जनता पार्टी समेत अन्य सभी निर्दलीय उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी. गुजरात के इतिहास में शायद यह पहली घटना थी, जिसमें विजय उम्मीदवार को छोड़कर अन्य सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई हो. जिसके बाद महेन्द्र मशरू भाजपा में शामिल हो गए| 1998 से 2012 तक महेन्द्र मशरू भाजपा की टिकट चुनाव लड़ते आए हैं और विजयी भी हुए हैं. जूनागढ़ विधानसभा सीट पर महेन्द्र मशरू का कोई विकल्प नहीं होने से भाजपा ने फिर एक बार उन्हें टिकट दिया है| कांग्रेस या अन्य किसी पार्टी ने महेन्द्र मशरू के खिलाफ अपने उम्मीदवार की अब तक घोषणा नहीं की है. भाजपा का मानना है कि महेन्द्र मशरू को टिकट देकर जूनागढ़ सीट भाजपा की झोली में आ गई है. हालांकि भाजपा की उम्मीदें कितनी सही होगी यह चुनाव नतीजे के बाद पता चलेगा.

उधर, गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी राज्य में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालाँकि उन्होंने आलाकमान से किसी नाराज़गी से इंकार किया है। भरत सिंह सोलंकी पूर्व मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी के पुत्र हैं। उनके पास दिसंबर 2015 से गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष की कमान है। लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली हार के बाद अर्जुन मोढवाडिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद सोलंकी को अध्‍यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली।
मनमोहन सिंह के नेतृत्‍व में बनी यूपीए की दूसरी सरकार में भरत सिंह सोलंकी को ऊर्जा राज्यमंत्री का कार्यभार मिला। वर्ष 2004 से 2006 के बीच वह ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में सचिव भी रहे।सोलंकी को 2004 और 2009 के गुजरात विधानसभा चुनावों में जीत हासिल हुई, लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में वह आणंद सीट से चुनाव हार गए थे। उन्हें बीजेपी के दिलीप भाई पटेल ने चुनाव हराया था।
इसबीच,भाजपा के उम्मीदवारों के नामों का ऐलान होते ही आक्रोश भड़क उठा है| कई नाराज नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है और उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं| वहीं दूसरी ओर जिन सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान शेष है, वहां से भी धमकियां मिलना शुरू हो गई हैं| पहली सूची जारी होने के बाद भड़की आग दूसरी सूची के बाद और भड़क गई है|
भाजपा के वरिष्ठ नेता आईके जाडेजा को सुरेन्द्रनगर जिले की वढवाण सीट से टिकट नहीं मिलने से 1500 समर्थक उनके निवास पर जमा हो गए और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी| जबकि जूनागढ़ जिले के कोडीनार के विधायक और संसदीय सचिव जेठा सोलंकी ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर अपने दो पद समेत भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है| वहीं मेहसाणा जिले की विसनगर के मौजूदा विधायक ऋषिकेश पटेल को रिपीट किए जाने की उनके समर्थक मांग रह हैं| इस मांग को लेकर ऋषिकेश पटेल के समर्थक बड़ी संख्या में भाजपा मीडिया सेंटर पर जमा हुए| जहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर ऋषिकेश पटेल को टिकट देने की मांग की| भाजपा के सांसद लीलाधर वाघेला ने तो बनासकांठा की डीसा विधानसभा सीट से उनके पुत्र को टिकट नहीं देने पर इस्तीफा की धमकी दी है| पूर्वी अहमदाबाद के नरोडा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक और स्वास्थ्य राज्यमंत्री निर्मला वाधवानी का पत्ता कट गया है| उनकी जगह सिंधी समाज से उम्मीदवार बनाया गया है| लेकिन स्थानीय लोगों की मांग है कि किसी अन्य समाज से उम्मीदवार बनाया जाए| इसके अलावा अन्य 12 जितने मौजूदा विधायकों का पत्ता कटने से उनके समर्थकों में जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त है| माना जा रहा है कि भाजपा की तीसरी सूची जारी होने के बाद आक्रोश की आग और भड़क सकती है|

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