नई दिल्ली , जीएसटी काउंसिल की बैठक में 200 से ज्यादा प्रॉडक्ट्स पर जीएसटी में कमी कर दी गई है। बावजूद इसके इन चीजों के दाम कम नहीं होने की शिकायतें मिल रहीं हैं। इसके बाद मोदी सरकार इन शिकायतों पर सख्ती करने की शुरुवात कर दी है। वहीं इन शिकायतों के मद्देनजर एफएमसीजी कंपनियां जीएसटी रेट में कमी का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने में जुट गईं हैं। आईटीसी, डाबर,नेस्ले जैसी टॉप एफएमसीजी कंपनियों ने अपने डिस्ट्रिब्यूटर्स,स्टॉकिस्ट और रिटेलर्स को जीएसटी में कमी का फायदा ग्राहकों को तुरंत पहुंचाने को कहा है। कंपनियों ने यह भी कहा है कि एमआरपी में जो भी मूल्य हो लेकिन ग्राहकों को सामान उसी कीमत पर दिए जाएं जो जीएसटी में कमी के बाद वसूले जाने चाहिए। सूत्रों ने अग्रेंजी अखबार को बताया कि अभी भी कई रिटेलर्स ग्राहकों को एमआरपी पर सामान बेच रहे हैं,जबकि सरकार धीरे-धीरे मुनाफाखोरी के विरुद्ध कानून बनाने की तरफ बढ़ रही है। डाबर इंडिया के चीफ फाइनैंशल ऑफिसर ललित मलिक ने कहा,हमने अपने सभी बिजनस/ट्रेड असोसिएट्स को दाम में कमी का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने को कहा है। डाबर को भी जीएसटी रेट में कमी से फायदा हुआ था, इनके कई प्रॉडक्ट्स पर टैक्स कम हुए हैं।
वहीं मोदीइ सरकार में उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने एक बयान जारी करके कहा, ‘कंपनियों को उनके मौजूदा प्रॉडक्ट्स जीएसटी रेट में कमी के बाद नई एमआरपी का स्टिकर लगाने की अनुमति दी गई है। उन्हें नया स्टिकर पुरानी एमआरपी के बगल में लगाना होगा। कीमतें कम होने के बाद नई एमआरपी के साथ प्रॉडक्ट्स लाने के लिए दिसंबर तक का वक्त दिया गया है। जीएसके कंजूमर हेल्थकेयर के प्रवक्ता ने कहा, हॉर्लिक्स और बूस्ट जैसी ड्रिंक्स के निर्माताओं को जीएसटी में कमी का फायदा तत्काल प्रभाव से ग्राहकों तक पहुंचाने को कहा गया है। हम नई एमआरपी के साथ प्रॉडक्ट्स को जल्द ही लाने की कोशिश कर रहे हैं। कंपनियों का कहना है कि नई एमआरपी के प्रॉडक्ट्स को बाजार में आने में 2 से 4 हफ्ते लग सकते हैं।सूत्रों का कहना है कि नेस्ले और आईटीसी जैसी कंपनियों ने भी टैक्स में कमी का फायदा ग्राहकों को तुरंत पहुंचाने को कहा है। आईटीसी के प्रवक्ता ने बताया,कंपनी ने कई प्रॉडक्ट्स की कीमतों में जीएसटी में कमी को ध्यान में रखते हुए बदलाव कर दिया है। जल्द इस बदलाव का लाभ ग्राहकों को मिलाना शुरु हो जाएगा। सरकार मुनाफाखोरी के विरुद्ध जल्द ही कानून लाने जा रही है। एक कन्ज्यूमर गुड्स बनाने वाली कंपनी के उच्च अधिकारी ने बताया,सामानों के इनवॉइस और बिल अब ऐंटी प्रॉफिटयरिंग अथॉरिटी के अंतर्गत आएंगे और रिटेलर्स को टैक्स में कमी का फायदा ग्राहकों को देना होगा। हमारे लिए बिक रहे सामानों की कीमतों पर निगरानी करनी संभव नहीं है।गौरतलब है कि सरकार मुनाफाखोरी के विरुद्ध कानून बनाने जा रही है।