भुवनेश्वर, मुंह में मिठास घोलने वाला रसगुल्ला इन दिनों दो राज्यों के बीच खटास जारी है। रसगुल्ले की जंग में ओडिशा भले ही पश्चिम बंगाल से हार गया हो। लेकिन ओडिशा एक बार फिर रसगुल्ला को लेकर जीआई दर्जे की मांग करेगा। ओडिशा सरकार का कहना है कि वह अपने संस्करण वाले रसगुल्ले पर भौगोलिक दर्जे की मांग करने का काम करेगा। मंगलवार को जैसे ही पश्चिम बंगाल को रसगुल्ले का दर्जा मिला। तभी इसके कुछ घंटों बाद ओडिशा सरकार ने रसगुल्ला के जीआई दर्जे की मांग की।ओडिशा सरकार रसगुल्ला के लिए जीआई दर्जे को हासिल करने की प्रक्रिया में है। इसके बारे में ओडिशा के वित्तमंत्री शशिभूषण बेहेरा ने कहा, यह जीत या हार का सवाल कहां है हमने पहल रसगुल्ला के लिए जीआई दर्जे के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया है।उन्होंने कहा,हमारा आवेदन प्रक्रिया में है और ओडिशा सरकार जल्द ही कदम उठायेगी।
बता दें कि रसगुल्ले की भौगोलिक पहचान बंगाल को मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट कर खुशी जताई। ममता ने ट्वीट किया कि सभी के लिए खुशी की खबर है,हम काफी खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं कि बंगाल को रसगुल्ले की भौगोलिक पहचान का टैग मिल गया है। ओडिशा सरकार में मंत्री प्रदीप कुमार ने 2015 में दावा किया था कि रसगुल्ला ओडिशा का है। पिछले 600 साल से रसगुल्ला ओडिशा में है।उन्होंने इसे भगवान जगन्नाथ के प्रसाद से भी जोड़ा था। उनका दावा था कि रसगुल्ला के इस्तेमाल पिछले 300 साल से पुरी की रथयात्रा में भी हो रहा है। जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच रसगुल्ले को लेकर बहस जारी थी।