मुंबई, महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के मलाड इलाके में ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक महिला और उसके सात महीने के बच्चे सहित कार को टो किए जाने के मामले को गंभीरता से लिया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़वनीस ने पत्रकारों को बताया कि दोषी पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है. ट्रैफिक पुलिस को संवेदनशील बनाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो सके. बता दें कि यह मामला उस वक्त सामने आया जब एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हो गया. घटना मलाड में शनिवार की शाम करीब साढ़े चार बजे की है. महिला अपने पति और बच्चे के साथ किसी काम से मलाड गई थी. पुलिस के मुताबिक, महिला के पति ने व्यस्त एसवी रोड़ पर कार खड़ी कर दी. कार की वजह से यातायात बाधित हो रहा था. इस पर ट्रैफिर पुलिस टोइंग वैन के साथ मौके पर पहुंची. जैसे ही वैन कार को टो कर के ले जाने वाली थी. महिला बच्चे के साथ कार में जा कर बैठ गई. पुलिस ने उससे बाहर आने का अनुरोध किया. स्थिति संभालने के लिए मलाड पुलिस थाने से अधिकारियों को बुलाया गया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. वायरल हुए वीडियो में महिला और बच्चा कार में बैठे और यातायात पुलिस उसे टो करके ले जाते हुए दिखाई दे रही है. प्रत्यक्षदर्शियों को पुलिस के इस कारनामे का विरोध करते और उन्हें रुकने का अनुरोध करते भी सुना जा सकता है. वीडियों में यह भी दिख रहा है कि महिला पुलिस पर चिल्ला रही है और उन्हें बता रही है कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है और बच्चे को फीड करा रही है. पुलिस अधिकारी का कहना है कि दंपति को पुलिस थाने ले जाया गया, जहां पति ने जुर्माना भरा और मामला सुलझ गया. इस बीच इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. ज्वाइंट कमिश्नर ट्रैफिक अमितेश कुमार ने कहा कि डीसीपी ट्रैफिक को घटना की जांच करने और सोमवार तक इसकी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि इस घटना में महिला और बच्चे की सुरक्षा को खतरे में डाला गया. इसलिए कांस्टेबल को बर्खास्त कर दिया गया है.