मुंबई,कलाकारों के कॉपीराइट अधिकारों के लिए लड़ रही दिग्गज गायिका शुभा मुदगल ने वस्तु एवं सेवा कर के अंतर्गत कलाकारों पर लगाए गए 18 प्रतिशत कर को विसंगत बताया है। विदित हो कि जीएसटी काउंसिल ने शुक्रवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की संरचना में एक बड़े सुधार की घोषणा की। मुदगल ने ट्वीट किया, कलाकारों के लिए जीएसटी 18 प्रतिशत? सोचिए, क्योंकि वह वोट बैंक नहीं हैं। न ही वह बदलाव के लिए प्रचार करने के लिए एक साथ आएंगे। वैचारिक स्तर पर क्या कला को सामान या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
मुदगल ने लिखा, अधिकांश सरकारी संगठन कलाकारों को बहुत कम भुगतान करते हैं। उदहारण के लिए एआईआर (ऑल इंडिया रेडिया) अभी भी शीर्ष कलाकारों को 15,000 रुपये के अंदर भुगतान करती है। लेकिन जब बात जीएसटी की आती है, हम दूसरे सबसे ज्याद कर दायरे 18 प्रतिशत में आते हैं। यह तार्किक नहीं है। वाह।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शीर्ष बॉलीवुड संगीत कंपनियों के प्रमुखों को कथित रूप से गीतकारों और संगीतकारों को रायल्टी का भुगतान करने में विफल होने पर तलब किया है। इस साल की शुरुआत में मुदगल की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई जिसके बाद ईडी द्वारा यह कदम उठाया गया।