हमर छत्तीसगढ़ योजना में खेतों में पहुंचा पानी अब साल भर लहलहाते हैं खेत

रायपुर,सिंचाई की सुविधा के बिना खेती हमेशा से जोखिम भरा रहा है। कृषि में इस जोखिम को कम करने प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार का काम तेजी से चल रहा है। बागवानी यंत्रीकरण योजना के तहत खेतों में स्थापित नलकूपों ने अनेक किसानों की जिंदगी बदल दी है। सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलने से किसान अब अच्छी पैदावार ले रहे हैं। कभी एक फसली रहने वाले इलाके अब गर्मियों में भी लहलहाते हैं।
हमर छत्तीसगढ़ योजना में अध्ययन भ्रमण पर रायपुर आए कोरिया जिले के तेंदुआ पंचायत के पंच बेदूचंद सोनवानी बताते हैं कि बागवानी यंत्रीकरण योजना के तहत खेतों में लगे नलकूप ने उनके जैसे कई किसानों का जीवन बदल दिया है। सिंचाई के लिए इससे अब साल भर भरपूर पानी मिल रहा है। उनके ढाई एकड़ पुश्तैनी खेतों में खरीफ और रबी दोनों मौसमों में फसल लहलहाते हैं। सोनवानी की तरह ही गांव के 30 और किसानों ने बागवानी यंत्रीकरण योजना के अंतर्गत खेत में नलकूप लगवाए हैं। अच्छी फसल होने से अब वहां के किसान समृद्ध होने लगे हैं।
बैकुंठपुर विकासखंड के तेंदुआ पंचायत के पंच बेदूचंद सोनवानी कहते हैं कि सिंचाई के साधन न होने से पहले खेती में नुकसान की आशंका बनी रहती थी। किसान साल में केवल एक ही फसल ले पाते थे। लेकिन अब शासन की इस योजना से नलकूप लग जाने से खेती आसान और जोखिम से मुक्त हो गई है। लगभग 90 हजार रूपए लागत का नलकूप बागवानी यंत्रीकरण योजना के तहत मात्र 15 हजार रूपए में लगाया जा रहा है। शेष लागत के लिए सरकार किसानों को अनुदान दे रही है।
पंच सोनवानी बताते हैं कि सिंचाई की सुविधा हो जाने से किसान अब साल में दो फसलें लेने लगे हैं। बरसात में धान के बाद वे गर्मियों में अपने डेढ़ एकड़ खेत में गेहूं और एक एकड़ में धान की फसल लेते हैं।

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