नई दिल्ली, जीएसटी के कारण छोटे कारोबारियों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए और कदम उठाने का पीएम नरेंद्र मोदी ने वादा किया है। पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों के मंत्रियों की एक समिति ने उनके ज्यादातर सुझावों को स्वीकार कर लिया है। मोदी ने कहा कि इस बारे में कोई घोषणा जीएसटी परिषद की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में की जा सकती है। विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत की 30 पायदान की लंबी उछाल पर आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि कुछ मुद्दों पर राज्यों की आपत्तियों को देखते हुए जीएसटी परिषद ने राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों की एक समिति गठित की थी। मोदी ने कहा कि व्यापारियों और छोटे कारोबारियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए राज्यों के मंत्रियों का समूह गठित किया गया था। इस समूह ने उनके ज्यादातर सुझावों को स्वीकार कर लिया है। अब समूह की सिफारिशों को जीएसटी परिषद की 9-10 नवंबर को होने वाली बैठक में मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
विश्व बैंक की रैंकिंग का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस नवीनतम रपट में माल एवं सेवा कर जीएसटी के कार्यान्वयन पर विचार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी भारतीय अर्थव्यवसथा में सबसे बड़ा कर सुधार है। इसका असर कारोबार करने के अनेक पहलुओं पर हुआ है। जीएसटी के साथ हम एक आधुनिक कर प्रणाली की ओर बढ़ रहे है, जोकि पारदर्शी, स्थिर और टिकाऊ है। मोदी ने कहा कि अनेक सुधार पहले ही हो चुके हैं लेकिन इन्हें स्थिर होने के लिए समय चाहिए और इसके बाद ही विश्व बैंक उन पर विचार करता है। मोदी ने भरोसा जताया कि आने वाले वर्षों में भारत की रैंकिंग में लगातार सुधार होगा।