हत्या के 22 साल बाद सिस्टर रानी मारिया “धन्य” घोषित, 5 साल बाद होंगी संत

इन्दौर, नार्थ इंडिया मध्य भारत में पहली बार कैथोलिक ईसाई समुदाय की सिस्टर रानी मारिया को उनकी जघन्य हत्या के 22 साल बाद शनिवार को इन्दौर में हजारों लोगों की मौजूदगी में धार्मिक विधि-विधान के साथ “धन्य” घोषित किया गया और अब 5 साल बाद उन्हें संत घोष‍ित किया जायेगा।
सेंट पॉल स्कूल परिसर में सुबह साढ़े 9 बजे से आयोजित कार्यक्रम में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली आदि राज्यों से ईसाई समुदाय के संत और धर्माजुलन शामिल हुए। देशभर में ईसाई समाज के 170 बिशप हैं, इनमें से कार्यक्रम में 60 बिशप शामिल हुए। धार्मिक जुलूस के साथ कार्यक्रम की शुरआत हुई। इसके बाद पवित्र मिस्सा हुई। कार्यक्रम के दौरान सिस्टर रानी मारिया पर बनी एक डाक्यूमेंट्री फ‍िल्म भी दिखाई गई, जिसमें बताया गया कि किस तरह केरल के एक छोटे से गांव से निकलकर गरीबों की सेवा के लिए इन्दौर धर्मप्रांत तक आई और उनकी हत्या कैसे हुई। इसके बाद सिस्टर मारिया को धन्य घोष‍ित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। भव्य समारोह में पोप फ्रांसिस के प्रतिनिधि कार्डिनल एंजेलो अमातो ने कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु ‘पोप’ के भेजे उस पत्र को पढ़कर सुनाया जिसमें सिस्टर रानी मारिया को औपचारिक रूप से “धन्य” घोषित किया गया। घोषणा सुनकर सभी ने नम ऑंखों से खुशी जाहिर की।
फादर जॉन पॉल के अनुसार अभी तक इस तरह के आयोजन देश के बाहर ही होते रहे हैं, लेकिन केरल और तमिलनाडु में इस तरह के आयोजन हो चुक है। नार्थ इंडिया में यह पहला आयोजन हैं, जिसमें सिस्टर मारिया को धन्य घोष‍ित किया गया है।
केरल के छोटे से गॉंव पुल्लूवजी के एक किसान परिवार में 29 जनवरी 1954 को जन्मीं सिस्टर रानी मारिया को पोप फ्रांसिस ने अपने पत्र में “शहीद” और “पूजनीय ईश सेविका” बताया है। उन्होंने कहा कि वह सिस्टर रानी मारिया को “धन्य” के रूप में सम्बोधित किए जाने की अनुमति देते हैं और हर साल 25 फरवरी को उनकी याद में विधि-विधान से पर्व मनाया जाए।
पोप ने पत्र में कहा कि सिस्टर रानी मारिया ने गरीबों और पीड़ितों में ईश्वर के चेहरे को पहचाना और खून के अंतिम कतरे तक को बहाकर उन्होंने लोगों से प्रेम किया। कैथोलिक ईसाई समुदाय में “धन्य घोषणा” का बड़ा महत्व है। यह अनुष्ठान किसी धार्मिक हस्ती को “संत” घोषित करने से पहले का पड़ाव होता है।
:: देवास के उदय नगर में हुई थी हत्या ::
मध्यप्रदेश के देवास जिले के उदय नगर में समंदर सिंह नामक व्यक्त‍ि ने 25 फरवरी 1995 को सिस्टर रानी मारिया की चाकू से कई वार कर हत्या कर दी थी। समारोह स्थल पर मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार सिस्टर रानी मारिया मध्यप्रदेश के देवास जिले के उदय नगर में आदिवासियों, गरीबों और भूमिहीन कृषि मजदूरों के हितों के लिए काम कर रही थीं। गरीबों को सूदखोरों के चंगुल से छुड़ाने के लिए सिस्टर रानी मारिया के सेवा कार्यों से कुछ धनी और ताकतवर लोग नाराज थे और माना जाता है कि इसी नाराजगी के चलते भाड़े के हत्यारे के जरिये उनकी साजिशन हत्या करा दी गई। सिस्टर मारिया के हत्यारे को समंदरसिंह को हत्या के बाद पश्चाताप हुआ था। हालांकि कोर्ट ने उसे 20 साल की कैद की सजा सुनाई थी, लेकिन सिस्टर के माता-पिता ने उसे माफ कर दिया था। सिस्टर मारिया की मॉं ने हत्यारे समंदरसिंह के हाथों को चूमकर कहा था कि इन हाथों पर मेरी बेटी का खून लगा है, मैं यीशू के पवित्र नाम पर तुम्हें क्षमा कर देती हूँ और कोर्ट से भी कहा था कि उसकी सजा को कम कर दिया जाए। समंदर सिंह वर्ष 2006 में जेल से छूटा था। इसके बाद वह कई बार अपने किए पर पछतावे का इजहार कर चुका है। शनिवार के आयोजन में समंदरसिंह भी पहुंचा था। सिस्टर मारिया की छोटी बहन सेल्मी पॉल 2002 से समंदिर‍ सिंह को राखी बांध रही है और आज समंदरसिंह भी अच्छे कामों में लगा हुआ है।
:: सिस्टर मारिया के परिजन भी हुए समारोह में शामिल ::
सिस्टर रानी मारिया को “धन्य” घोषित करने के समारोह में उनके परिजन भी शामिल हुए। उनकी बहन सिस्टर सेल्मी ने मीडिया से कहा कि उनके लिए यह बेहद खुशी का पल है और वह अपनी बहन के दिखाए सेवा के रास्ते पर चलेंगी।

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