अहमदाबाद,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन के रूट में आनेवाली अहमदाबाद की 30 ज्यादा बिल्डिंगों को गिराए जाने की संभावना है. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के वास्ते जमीन संपादन के लिए अगले सप्ताह अधिसूचना जारी की जा सकती है.अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के सितंबर में शिलान्यास के बाद इसे जमीन पर उतारने की कवायद तेज हो गई है. इस प्रोजेक्ट के आडे आनेवाली अहमदाबाद और वडोदरा की करीब 50 जितनी बिल्डिंगों को गिराया जा सकता है. बुलेट ट्रेन अहमदाबाद के साबरमती से वडोदरा और सूरत के शहरी इलाकों से गुजरेगी| पूर्व से पश्चिम की ओर ट्रेक की दिशा बदले जाने की वजह से अहमदाबाद में 30 से ज्यादा बिल्डिंगों को गिराए जाने की संभावना है. हाईस्पीड रेलवे कार्पोरेशन के सूत्रों के मुताबिक सबसे ज्यादा बिल्डिंग अहमदाबाद में और वडोदरा के निकट तोड़ी जाएंगी| इस दौरान सड़क यातायात बहाल रखने का पूरा प्रयास किया जाएगा| जमीन संपादन को लेकर विभागीय अधिकारियों का स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है. गुजरात में विधानसभा चुनावों के बीच जमीन संपादन की प्रक्रिया प्रशासन के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं. अगले सप्ताह अहमदाबाद, खेडा और आणंद के लिए जमीन संपादन के लिए अधिसूचना जारी किए जाने की संभावना है. जिसके बाद संबंधित जिले के जमीन संपादन अधिकारी आगे के रूट की जमीन संपादन के लिए अधिसूचना जारी करेंगे.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने जापान के प्राइम मिनिस्टर शिन्जो आबे के साथ अहमदाबाद के साबरमती में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. बुलेट ट्रेन में 92 प्रतिशत यात्रा एलिवेटेड रूट से और 2 फीसदी ट्रीक जमीन पर होगा. अहमदाबाद-मुंबई देश का सबसे व्यस्त रेलवे रूट है. साबरमती से चलकर बुलेट ट्रेन अहमदाबाद, आणंद, वडोदरा, भरुच, सूरत, बिलिमोरा, वापी, बोईसर, थाणे और बांद्रा कुर्ला पहुंचेगी. बुलेट ट्रेन का 12 किलोमीटर ट्रेक जमीन पर होगा. पांच साल में प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य और इसीलिए जमीन संपादन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.