नई दिल्ली, इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक न सिर्फ हिंदू और इसाई धर्म के खिलाफ बोलता था, बल्कि मुस्लिम धर्म के तहत आने वाले दूसरे पंथों के खिलाफ भी वह जहर उगलता था। वह अपने भाषणों में वहावी इस्लाम का प्रचार-प्रसार करता था, जो कट्टरतावादी आतंकी संगठनों की विचारधारा से जुड़ा है। राष्टीय जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में जाकिर नाइक के कट्टरपंथ की पूरी पोल खोल कर रख दी है। उसके खिलाफ दाखिल चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि वह अपने भाषणों में हिंदू और ईसाई धर्म को हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश करता था, ताकि अधिक-से-अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा सके। लेकिन जाकिर नाइक लोगों को सामान्य मुसलमान बनने की प्रेरणा नहीं देता था, बल्कि उन्हें इस्लाम की कट्टर विचारधारा वहावी की पाठ पढ़ाता था। अलकायदा और आईएस इसी विचारधारा की देन हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जाकिर नाइक के भाषणों की सीडी सबूत के तौर पर अदालत में जमा की है, जिसमें वह शिया, सूफी और बरेलवी मुसलमानों के खिलाफ जमकर जहर उगलता दिख रहा है। वह कहता दिख रहा है कि शिया, सूफी और बरेलवी विचारधारा को मानने वाले असली मुस्लिम हैं ही नहीं और अल्लाह के बताये रास्ते से भटक गए हैं। जाकिर नाइक उनसे वापस कट्टर इस्लाम की विचारधारा की तरफ लौटने की अपील करता था। चार्जशीट में बताया गया है कि जाकिर नाइक ने कट्टर इस्लाम के प्रचार की आड़ में करोड़ों रूपये की कमाई की थी। भारत में उससे जुड़ी 104 करोड़ रुपये की संपत्ति की सूची भी अदालत को सौंपी गई है। उसकी कमाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2013 से 2016 के दौरान उसने अपने विदेशी खाते से अपनी बहन के खाते में 29 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। उसकी बहन ने इससे मुंबई में कई प्रोपर्टी खरीदी थीं। यही नहीं, जाकिर नाइक ने अपने नजदीकी लोगों को मुखौटा बनाकर भी बहुत सारी कंपनियों और प्रोपर्टी में निवेश कर रखा था।