भोपाल,राजधानी और शताब्दी ट्रेन की तर्ज पर भोपाल एक्सप्रेस में यात्रियों को सुविधाएं मिलने लगी हैं। कम किराए में ट्रेन के कोच में कॉफी और वॉटर वेंडिंग मशीन का साफ पानी, न्यूजपेपर और किताबें मिलने लगी हैं। ये तीनों सुविधाएं अभी ट्रायल के तौर पर सीमित कोचों में शुरू की गई हैं। जल्द ही इनका बाकी के कोचों में विस्तार किया जाएगा। हबीबगंज से हजरत निजामुद्दीन के बीच चलने वाली भोपाल एक्सप्रेस को पूर्व में ग्रीन टॉयलेट, स्वच्छता में अव्वल होने और बेहतर यात्री सुविधाओं के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। अब रेलवे बोर्ड इस ट्रेन को बेहतर यात्री सुविधा वाली टॉप-10 ट्रेनों में शामिल करना चाहता है। इसके लिए सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। ट्रेन के दोनों रैक के बी-1 कोच में बुक-न्यूजपेपर की सुविधा शुरू की गई है। पढ़ने के बाद यात्रियों को किताबें और न्यूज पेपर अटेंडर को वापस लौटाने होते हैं।
कोच एस-3 में कॉफी और वॉटर वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं, जहां से यात्री कॉफी और शुद्घ पानी ले सकते हैं। अभी तक इसके लिए यात्रियों को स्टेशन आने का इंतजार करना पड़ता था, क्योंकि ट्रेन में कैटरिंग सुविधा नहीं है। इसी तरह कोच ए-1 में पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम लगाया गया है, जो यात्रियों को साफ-सफाई व ट्रेन में सतर्क रहने का संदेश देता है। भोपाल एक्सप्रेस के लिए इस साल के अंत तक एलएचबी रैक मिल जाएंगे। अभी जबलपुर जोन की किसी भी ट्रेन में एलएचबी रैक नहीं हैं। चार महीने पहले बोर्ड ने भोपाल एक्सप्रेस को एलएचबी रैक देने की घोषणा थी। जुलाई में 7 एसी कोच भी भोपाल भेज दिए थे, लेकिन बाद में रेलवे ने इन कोचों को दूसरी जगह मर्ज कर दिया है। रैक में शामिल कोचों में माइक्रोप्रोसेसर लगे होते हैं जो ऑटोमैटिक कोच को कंट्रोल करते हैं। यानी तेज रफ्तार के दौरान कोच में होने वाली प्रत्येक तकनीकी गतिविधियां पर लोको पायलट सीधी नजर रखता है, ताकि संभावित दुर्घटना से पहले ही बचा जा सकेगा।