नई दिल्ली,नोटबंदी, जीएसटी, बेरोजगारी और किसानों की स्थिति को लेकर विपक्षी दल एकजुट होकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा। ये सब संसद के शीतकालीन सत्र से पहले होगा, साथ ही विपक्ष ने सरकार को घेरने का मन बना लिया है। विपक्षी दल ८ नवंबर को पूरे देश में काला दिवस मनाने की तैयारी कर रहे हैं। पिछले साल आठ नवंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधी रात से नोटबंदी का ऐलान किया था। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के संसद भवन स्थित कार्यालय में विपक्षी दलों की सब कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में राज्यसभा सांसद शरद यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, भाकपा के ए. राजा और बसपा के सतीश चंद्र मिश्र सहित कई नेता मौजूद थे। बैठक में हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनाव पर भी चर्चा हुई। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सभी विपक्षी दलों के साथ चर्चा के बाद कार्यक्रम तय किए जाएंगे। संसद के शीतकालीन सत्र में भी विपक्ष नोटबंदी के बाद देश में पैदा हुए हालात, जीएसटी को लेकर परेशानी और बेरोजगारी का मु्द्दा उठाएगी क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था बेहद चुनौती भरे दौर से गुजर रही है।विपक्षी दल मंगलवार को सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन का औपचारिक तौर पर ऐलान कर सकते हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा कि जद(यू) नेता शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता को लेकर भी विपक्षी दलों के नेताओं के बीच चर्चा हुई। विपक्षी दल एकजुट होकर इस मुद्दे को राज्यसभा के सभापति के सामने उठाने पर भी विचार कर रहे हैं।