राजस्थान के सरकारी मुलाजिमों पर अभियोजन की स्वीकृति वाला विधेयक आज पेश हो रहा

जयपुर,राजस्थान सरकार द्वारा जो अध्यादेश जारी किया गया है। उसकी सारे देश में बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया हो रही है। राज्य सरकार ने दागी लोकसेवकों को संरक्षण देने के लिए अध्यादेश जारी किया है।इसी का स्थान लेने के लिए आज विधानसभा में विधेयक लाया जा रहा है,अध्यादेश में दागी लोक सेवक का नाम और पहचान उजागर करने पर 2 साल की सजा का प्रावधान है।
राजस्थान सरकार ने इस अध्यादेश को जारी करने के पीछे सरकारी कामकाज और कर्तव्यों में बाधा ना पहुंचे। इसके लिए यह अध्यादेश लाया गया है।
जारी अध्यादेश के अनुसार सीआरपीसी की धारा 156(3) और 190 के तहत अब मजिस्ट्रेट अभियोजन स्वीकृति से पहले किसी भी मामले की ना तो जांच का आदेश दे पाएंगे। और ना ही उसकी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही कर पाएंगे। राजस्थान सरकार के इस अध्यादेश के जारी होने के बाद अब दागी लोक सेवकों का नाम गोपनीय रहेगा। इनके ऊपर कोई कार्यवाही तब तक नहीं हो सकेगी। जब तक सरकार इसकी अनुमति ना दे। जिसके कारण अब विधायक, मंत्री सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही करना संभव नहीं होगी। उनके हर अपराध पर अब शासन का संरक्षण होगा। जब तक की शासन स्वयं कार्यवाही करने का निर्णय ना लें।
इस अध्यादेश के जारी होने के बाद न्यायपालिका के अधिकारों में भी कटौती हो गई है। न्यायपालिका भी अब पूरी तरह सरकार पर निर्भर रहेंगी। जिन मामले में सरकार अनुमति देगी। न्यायालय उसी मामले को सुन पाएंगे, ऐसी स्थिति में इस कानून की पूरे देश भर में बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया हो रही है। यह कहा जा रहा है कि दागी लोक सेवकों को संरक्षित करने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा यह अध्यादेश लागू किया गया है। विधेयक के रूप में इसी सत्र में परिवर्तित हो जाएगा। सोमवार से विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। अध्यादेश को लेकर विधानसभा में भारी हंगामा होने के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं।

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