भोपाल,विद्यार्थी जीवन में एकाग्रता,धैर्य और संकल्प की दृढ़ता से ही व्यक्ति जीवन में मनोवांछित स्थान प्राप्त कर सकता है. उत्तम चिंतन ही जीवन-निर्माण की कसौटी होता है. इसलिए श्रेष्ठ लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अपने भविष्य का निर्धारण भी विद्यार्थी स्वयं करें.
यह उदगार विधान सभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने शनिवार को विधान सभा के सभागार में राज्य स्तरीय नेतृत्व विकास शिविर में आये छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किये. सिंह ने कहा कि हमारे देश की संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली विश्व की श्रेष्ठतम और व्यावहारिक शासन प्रणाली है, हमें सदैव इसका सम्मान करना चाहिए. उन्होंने छात्र-छात्राओं को विश्वास, आशा और आत्मविश्वास की दृढ़ता एवं उत्कृष्ट चिंतन जैसी व्यावहारिक बातें अपनाए जाने की प्रेरणा देते हुए छात्रों से सर्वांगींण नेतृत्व की पहल की.
उन्होंने लोकतांत्रिक प्रणाली के तीनों अंगों पर प्रकाश डालते हुए विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन प्रणाली एवं विधि निर्माण संबंधी प्रक्रिया की जानकारी दी. विधान सभा अध्यक्ष के सचिव महेश शर्मा ने भी छात्रों को संबोधित करते हुए नैतिक शिक्षा, अपनी श्रेष्ठता को पहचानने एवं जीवन का लक्ष्य सुनिश्चित करने की बात कही. प्रमुख सचिव ने छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया. नेतृत्व विकास शिविर, 2017 में ग्रामीण अंचलों से आये अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं ने आज मध्यप्रदेश विधान सभा भवन का अवलोकन भी किया. मध्यप्रदेश शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस शिविर में प्रदेश के 51 जिलों से आये वह छात्र-छात्राएं शामिल हैं जिन्होंने कक्षा 10वीं में सर्वोच्च अंक प्राप्त किये हैं.