नई दिल्ली,श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत हम्बनटोटा के निकट मट्टाला एयरपोर्ट को विकसित करने को तैयार हो गया है। इस सिलसिले में दोनों देशों के बीच बातचीत अंतिम दौर में है। यह जानकारी स्वयं श्रीलंका के नागरिक विमानन मंत्री निमल श्रीपाला ने दी। श्रीपाला ने कहा, श्रीलंका हम्बनटोटा इलाके में निवेश के विकल्पों पर विचार कर रहा है। इस इलाके में चीन ने बंदरगाह का निर्माण किया है और निवेश क्षेत्र और तेल शोधन कारखाना लगाने पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा, भारत एक प्रस्ताव के साथ सामने आया है। नई दिल्ली हवाई अड्डे और एविएशन सर्विसेज लिमिटेड के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने को तैयार है। बता दें कि श्रीलंका की सरकारी कंपनी एविएशन सर्विसेज कोलंबो और दक्षिण के मट्टाला हवाई अड्डे का परिचालन करती है। भारत सरकार के सूत्रों ने कहा, भारत ने घाटे में चल रहे मट्टाला हवाई अड्डे के विस्तार और प्रबंधन के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने का प्रस्ताव किया है। यह हवाई अड्डा हम्बनटोटा के करीब है।
– भारत की योजना
मीडिया में लीक श्रीलंकाई कैबिनेट नोट के मुताबिक शुरुआत में योजना के तहत 29.3 करोड़ डॉलर (करीब 1900 करोड़ रुपये)का निवेश होगा। इसमें भारत 70 फीसदी राशि 40 साल के लिए लीज पर देगा।
– तीन साल पहले बजी खतरे की घंटी
भारत शुरू से ही चीन की पड़ोसी देशों में भारी-भरकम निवेश को शंका की नजर से देखता है। लेकिन 2014 में चीन ने नई दिल्ली की शंका को पुष्ट करते हुए कोलबों बंदरगाह पर अपनी पनडुब्बी खड़ी कर दी। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय स्वयं हरकत में आया और प्रभाव को बहाल करने की रणनीति बनाई।