भोपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री
मेनका गाँधी को पत्र, लिखकर उनसे भारत सरकार से कुपोषण पर जाँच दल भेजने का आग्रह किया गया है. उन्होंने पत्र में निराशा एवं आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि उनके द्वारा 14 सितम्बर, 21 सितम्बर व 18 नवम्बर, 2016 को लिखे गये थे, जिसमें उन्होंने ग्वालियर-चम्बल संभाग के श्योपुर जिले के कुपोषण की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया था.
उलेखनीय है कि सिंधिया ने इस सम्बन्ध में मेनका गाँधी से व्यक्तिगत भेंट कर, कुछ सुझाव भी दिए थे जिसमे ,तुरंत सर्वोत्त्म स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रबंधन, कुपोषित बच्चों के लिए पोषण आहार एवं अन्य सुविधाओं का प्रावधान, जैसे फूड पैकेट आदि, एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने आदि का अनुरोध किया था.
आश्वासन पूरा नहीं किया
मेनका गाँधी ने आश्वासन भी दिलाया था कि वे केन्द्र सरकार की ओर से एक विशेष टीम भेजेंगी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर इस विषय से अवगत करायेगी. कुपोषण के कारण कई बच्चों की मृत्यु के मामले पर मेनका गाँधी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा था कि वे अपने मंत्रालय द्वारा उचित कार्यवाही कर सिंधिया को अवगत कराएंगी. किन्तु मंत्री के आश्वासन के अनुरुप सिंधिया को अभी तक कहीं से कोई भी सूचना प्राप्त नहीं हुई है. सिंधिया ने कहा कि उनके सतत पत्राचार और व्यक्तिगत वार्तालाप के 4 महीनों के बाद भी परिस्थितियों में कोई सुधार नहीं आया. सिंधिया ने आगे लिखा है कि हाइकोर्ट ग्वालियर बेंच के 18 जनवरी के सख्त आदेश के अनुसार कुपोषण के कारण एक भी मौत हुई तो कलेक्टर और महिला एवं बाल विकास अधिकारी पर कार्यवाही होगी. इसके उपरांत भी अधिकारियों की लापरवाही जग जाहिर है. सिंधिया ने फिर अनुरोध किया है कि मेनका गाँधी केन्द्रीय जांच दल भेजकर इसकी जांच करवाये तथा राज्य सरकार को उचित निर्देश जारी करें.