अहमदाबाद, वैज्ञानिकों ने गुजरात के डभारी गांव के पास अरब सागर में 130 फीट की गहराई में 10 हजार साल पुरानी द्वारका नगरी को खोज निकाला है। अरब सागर में पॉल्यूशन लेवल की जांच में जुटी टीम को यह कामयाबी मिली है। सरकार यहां मॉडर्न टेक्नोलॉजी से द्वारका के अवशेषों का पता लगाने की कोशिश में जुटी है। 2000 से 2011 तक नेशनल इंस्टिट्यूट ओशन टेक्नोलॉजी की ओर से समुद्र में पॉल्यूशन की जांच के दौरान से अवशेषों का मिलना शुरू हुआ था। 1988 में इसी समुद्री इलाके में आर्कियोलॉजी एंड ओशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट को समुद्र के गर्भ एक पर्वत मिला था। माना जा रहा है कि ये पर्वत समुद्र मंथन के वक्त इस्तेमाल हुए शिखर का हिस्सा है।
पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक श्रीकृष्ण ने मथुरा में मामा कंस का वध किया था। इसके बाद कंस के ससुर और मगध के राजा जरासंध ने कृष्ण सहित यादवों का नामोनिशान मिटाने का तय किया था। कृष्ण ने मथुरा छोड़कर अरब सागर किनारे द्वारका स्थापित की, जो समुद्र का जलस्तर बढ़ने से डूब गई। अध्ययन में मिली चीजें बताती हैं कि समृद्ध थी यहां की सभ्यता, समुद्र के इस हिस्से से पत्थर के हथियार, मिट्टी के बर्तन, नहर में लगाए गए संसाधन, स्नानागार, मूल्यवान पत्थर, कंगन, बैल के सींग के साथ मानव की हड्डियां मिलने से यहां मानव बस्ती होने की बात को समर्थन मिलता है। यहां से मिली लकड़ी की चीजों की कार्बन डेंटिंग से पता चला कि ये 9500 साल पुरानी हैं। इसके साथ यहां से हड़प्पा सभ्यता के मौजूद तालाब, स्नानागार जैसी चीजों के निशान भी मिले हैं।