महापौर और ​निगम आयुक्त के बीच तकरार

सतना,जनप्रतिनिधियों और नौकरशाही के बीच विकास कार्यो वअन्य मुददों को लेकर कहासुनी होने ​की बात प्रदेश में आम हो चली है। बुधवार को सतना आए मंत्री ओमप्रकाश् धुर्वे और तहसीलदार के बीच तनातनी के बाद नगर निगम महापौर और निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के बीच भी बहस होने का मामला सामने आया है।
दरअसल कई महीनों के बाद मेयर इन काउंसिल की बैठक में महापौर ममता पांडेय और आईएएस अधिकारी और निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के बीच पॉवर और जवाबदेही के सवाल पर काफी गर्मा -गर्मी हुई। दोनों ने एक दूसरे को जवाबदेही की सीमा तक लाने, खींचने और दायरा बताने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी। नगर विकास के कार्यों, प्रशासनिक व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर बहस की शुरुआत महापौर की तरफ से हुई तो निगम आयुक्त ने भी अंदाज बदला और फिर बहस शुरू हो गई। यह माहौल देख वहां मौजूद एमआईसी के अन्य सदस्य और अधिकारी भी कुछ समय के लिए हैरान रह गए। हालांकि कुछ ही देर बाद दोनों के मिजाज नरम पड़े और माहौल शांत होने के बाद एजेंडे में शामिल 10 प्रस्तावों पास किए गए।
नगर निगम के मौजूदा हालातों से खफा एमआईसी के सदस्य पुष्पराज कुशवाहा ने बैठक शुरू होने के चंद मिनटों में ही महापौर को अपना इस्तीफा भी दे दिया। बताया जा रहा है कि एजेंडे पर चर्चा शुरू हो पाती, इसके पहले ही शुरूआत के लगभग 16 मिनट तक महापौर और कमिश्नर के बीच तल्ख अंदाज में कहा-सुनी होती रही। इस बीच बैठक में उपस्थित एमआईसी सदस्यों में भी कुछ की निगम प्रशासन पर पार्षदों की उपेक्षा और शहर के बुनियादी विकास न होने को लेकर अपनी नाराजगी प्रदर्शित की।
महापौर और कमिश्नर के बीच एमआईसी की बैठक में हुई नोक-झोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो देखने वाले कई लोगों ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर सत्ता और ननि प्रशासन की दो शीर्ष शख्सियतों के बीच शहर के विकास के सवालों पर यह हो क्या रहा है? बता दें कि प्रतिभा पाल ने यहां 2 माह पहले 19 जुलाई को बतौर नगर निगम कमिश्नर पदभार ग्रहण किया था। उनके पदभार ग्रहण किए जाने के बाद बुधवार को परिषद की पहली बैठक थी। उम्मीद जताई जा रही थी कि बैठक बुनियादी विकास कार्यों की नई सौगात देने वाली होगी।

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