नई दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी बेटी की हत्या के मामले में जेल की सलाखों के पीछे बंद इंद्राणी मुखर्जी को कार्ति चिदंबरम मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाने की अनुमति मांगी है। आरोप है कि टीवी न्यूज कंपनी खोलने के लिए आइएनएक्स को 2007 में एफआइपीबी ने मात्र 4.62 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश लाने की अनुमति मिली थी। लेकिन कंपनी पिछले दरवाजे से 305 करोड़ रुपये से अधिक का विदेशी निवेश ले लाई। जांच से बचने के लिए कंपनी के मालिक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया। कार्ति चिदंबरम ने उन्हें कार्रवाई से बचने के लिए अपनी कंपनी चेस मैनेजमेंट सर्विसेज को सलाहकार रखने को कहा। कार्ति चिदंबरम की कंपनी की सलाह को मानते हुए एफआइपीबी और आयकर विभाग ने जांच बंद कर दी। इसके एवज में चेस मैनेजमेंट सर्विसेज को आइएनएक्स ने 3.5 करोड़ रुपये की मोटी रकम फीस के तौर पर दी।
सीबीआइ ने मई महीने में आइएनएक्स मीडिया को एफआइपीबी की जांच से बचाने के एवज में रिश्वत लेने के आरोप में कार्ति चिदंबरम के ठिकानों पर छापा मारा था। सीबीआइ की एफआइआर में आरोप लगाया गया है कि कार्ति चिदंबरम ने तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम का बेटा होने का लाभ उठाते हुए आइएनएक्स को एफआइपीबी की जांच में क्लीन चिट दिला थी। सीबीआइ की जांच से बचने के लिए कार्ति चिदंबरम ने हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि वे सीबीआइ की जांच से बच नहीं सकते हैं और उन्हें जांच अधिकारियों के सवालों का जवाब देना होगा। इसके बाद कार्ति चिदंबरम से आइएनएक्स मीडिया को एफआइपीबी से क्लीन चिट मिलने और इसके लिए फीस के तौर पर उनसे संबंधित कंपनी में दिए गए पैसे के बारे में 100 से अधिक सवाल पूछे गए।
कार्ति चिदंबरम मामले में इंद्राणी मुखर्जी को दिल्ली में पूछताछ के लिए बुलाया
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