UP में जहरीली व अवैध शराब के कारोबार के दोषियों को अब मृत्युदण्ड, सातवें वेतनमान के एरियर भुगतान को मंजूरी

लखनऊ,छह माह कार्यकाल पूरा होने पर योगी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में दो बड़े फैसले किये। इनमें एक वित्त विभाग व दूसरा आबकारी विभाग से सम्बन्धित था। कैबिनेट के समक्ष पहला प्रस्ताव वित्त विभाग की ओर से पेश किया गया। यह कर्मचारियों के सातवें वेतनमान के एरियर भुगतान से सम्बन्धित था। सातवे वेतन आयोग को एक जनवरी 2016 से लागू किया गया है, लेकिन बढ़े वेतन का भुगतान जनवरी 2017 से हो सका। 12 महीने का एरियर अभी बकाया है। इसके भुगतान का प्रारूप कैबिनेट में तय किया गया। इससे प्रदेश के बारह लाख राज्यकर्मी लाभान्वित होंगे। इनमें शिक्षक भी शामिल हैं। इसके साथ ही सरकार ने 1910 के आबकारी एक्ट में बदलावों के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इसके बाद अब अवैध रूप से शराब बनाने व उसकी तस्करी में लिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो सकेगी। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक कैबिनेट में आबकारी विभाग की ओर से आबकारी अधिनियम 1910 की दण्डक धाराओ में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा गया। इसमें प्रावधान किया गया है कि अवैध व जहरीली शराब के कारोबार में लिप्त पाये जाने पर जुर्माना के साथ अब सजा का भी प्रावधान होगा। जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर अब दोषियों को मृत्युदण्ड, आजीवन कारावास से लेकर दस लाख रुपये तक जुर्माना को लगाया जा सकेगा। इसके लिए एक्ट की धारा 60 (क) में बड़ा परिवर्तन प्रस्तावित किया गया है। अभी तक इस धारा में सिर्फ जुर्माने का ही प्रावधान था। कैबिनेट से एक्ट में बदलाव के प्रावधानो को मंजूरी मिलने के बाद अब अध्यादेश जारी करने के लिए इस प्रस्ताव को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राजभवन से मंजूरी मिलते ही इसके कड़े प्रावधानों को लागू किया जा सकेगा।

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