जींद,हरियाणा की लड़की कविता दलाल डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग में उतरकर विदेशी महिला पहलवानों को उठा उठा कर पटकती है। कविता दलाल भारतीय वेशभूषा सलवार कमीज पहन कर ही रिंग पर उतरती है। रेसलिंग की दुनिया में इत्तेफाक से आई कविता दलाल ने विश्व स्तर पर विशिष्ट पहचान बना ली है।
4 साल पहले जालंधर मैं अपने 4 साल के बच्चे के साथ वह खली की एकेडमी में रेसलिंग शो देखने गई थी इस शो के दौरान एक महिला रेसलर बुलबुल ने चुनौती दी थी कि उसे कोई हराकर दिखाए। इस चुनौती को सुनकर कविता उद्वेलित हो गई और सलवार कमीज पहनकर ही ऑडियंस से उठकर रिंग में पहुंच गई थी। उन्होंने पहली ही बार में महिला रेसलर बुलबुल को चारों खाने चित कर दिया। उसके बाद से उन्हें रेसलर बनने की धुन सवार हो गई थी। इसके पहले वह वेटलिफ्टर थी। उसकी प्रैक्टिस छोड़कर उन्होंने रेसलर बनने पर अपनी किस्मत आजमाई।
अमेरिका की रेसलर नटरिया, जिमी जेम, और एटीना को वह हरा चुकी है। अक्टूबर 2016 में हरियाणा के पानीपत में ओपन इंटरनेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में अमेरिका की दो और कनाडा की एक रेसलर को उसने हराया था।
कविता दलाल पूरी तरह शाकाहारी है। उसने कभी मांसाहार नहीं किया। देसी घी से बना हलवा, चूरमा और दूध उनकी खुराक में मुख्य रूप से शामिल हैं। फाइट शुरू होने के से एक, डेढ़ घंटे पूर्व उबले आलू, चना और चावल खाकर रिंग में उतरती हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि कभी-कभी वह सप्लीमेंट भी लेती है। कविता 1 दिन में 3 लीटर दूध पीती है। एक माह में 6 किलो देसी घी खा जाती है। रोजाना 50 ग्राम काजू-बादाम इसकी मुख्य खुराक है।