भोपाल, आसराम बापू, राधे मां सहित कुछ और लोगों के पास गाड़ी, बंगला, रुपए सहित अपार संपत्ति है, फिर वे संत कैसे? संत वे होते हैं, जो समाज और धर्म के लिए लोगों को जागरुक करें। राम रहीम का मामला पंद्रह साल पुराना है। यदि समय पर केस खुल जाता और दंड मिल जाता, तो आज ये स्थिति नहीं बनती। अपराधी कोई भी हो, उसे तुरंत दंड मिलना चाहिए। ये बातें शुक्रवार को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वारूपानंद जी महाराज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा। उन्होंने कहा आज के समय में लोगों और भक्तों को आस्था से ज्यादा आंखें खोलनी चाहिए। महाराज ने कहा अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए अलग से पार्टी बनाई गई है, जिसका नाम है राम जन्म भूमि उद्धार समिति। इस समिति के वकीलों ने लखनऊ हाईकोर्ट में अपनी पैरवी में यह साबित कर दिया है कि बाबर कभी अयोध्या ही नहीं आया है। फर्जी बाबाओं पर उन्होंने अपने तल्ख अंदाज में कहा कि सभी फर्जी बाबा गृहस्थ हैं, और यदि लोगों की आँखों में पत्थर पड़े हैं तो कोई क्या करे। महाराज ने आगे कहा कि वेशभूषा देखकर भक्त न बनें आपके अंदर परख होना चाहिए। संत को पहचानने की।