दो सौ करोड् सालाना टर्न ओवर,15 देशों में ऑनलाईन सटटा खिलाने वाले मास्टर माईंड का फरार बेटा गिरफ्तार

भोपाल,मध्यप्रदेश पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग के जरिए सट्टा संचालित करने वाले देश के सबसे बड़े सट्टा किंग रमेश चौरसिया के बेटे अचल चौरसिया को मुंबई से गिरफ्तार किया. लंदन से एमसीए की डिग्री हासिल करने के बाद अचल भी अपने पिता के साथ सट्टे के कारोबार से जुड़ गया था. उनकी ऑनलाइन सट्टा कंपनी का सालाना टर्नओवर 200 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
इंदौर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अचल के पिता रमेश चौरसिया को पुलिस ने करीब छह महीने पहले गिरफ्तार था. तभी से इंदौर पुलिस की एक टीम अचल की तलाश में जुटी थी. हाल ही में पुलिस को उसके मुंबई में होने की सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस की एक विशेष टीम ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। बताया गया है कि पांच राज्यों में एक दर्जन से ज्यादा शहरों की पुलिस को अचल की तलाश थी. पिता की गिरफ्तारी के बाद वह पुलिस को चकमा दे रहा था।
अधिकारियों ने बताया कि सट़टा किंग बाप-बेटे की गेमकिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी है. इस कंपनी का साम्राज्य दुनिया के 15 देशों के अलावा भारत के सात राज्यों में फैला हुआ है. 36 साल से सट्टे में सक्रिय रमेश चौरसिया की कंपनी का सालाना टर्नओवर अब 200 करोड़ के पार पहुंच गया है। शातिरों ने ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार करवाया था, जिसमें ग्राहक का हारना तय होता था. कंपनी एजेन्ट को नियुक्त कर मास्टरआईडी दे देती थी, जिसमें ग्राहको द्वारा रोजाना 5 करोड़ से अधिक का सटटा लगाया जाता है।
पुलिस के मुताबिक रमेश चौरसिया की गिरफ्तारी पर इंदौर पुलिस ने 20 हजार रुपए के इनाम घोषित किया था. मध्यप्रदेश सहित देश के सात राज्यों में उसके खिलाफ केस दर्ज है। आरोपी रमेश चौरसिया ने 1976 में बीकॉम प्रथम वर्ष तक हिन्दुजा कॉलेज मुम्बई से शिक्षा प्राप्त की थी। वह 1981 में छोटा सा स्कूल चलाता था. इस दौरान बच्चों को गेम खिलाने लगा। भीड़ बढने लगी तो उसने रुपए का लेन-देन शुरु कर दिया। इसके कुछ सालों बाद खुद का सॉफ्टवेयर तैयार किया और 1996 में चौरसिया लीसिंग एंड फाइनेंस प्रा.लि. कंपनी खोल ली। और इस कंपनी से उसने करोड़ो रुपए कमाए. कुछ समय बाद रिकनेक्ट टेक्नोलॉजी और गेम प्रा.लि. कंपनी रजिस्टर्ड कराई. इन कंपनियों में 200 करोड़ का ट्रांजेक्शन हो चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि जांच में सामने आया है कि रमेश चौरसिया के ऑफिस में लगभग 15 लोगो का स्टाफ काम करता था. मुंबई के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी नेटवर्क फैला हुआ है। मध्यप्रदेश में इंदौर के अलावा उज्जैन, खंडवा, धार, दतिया, मुरैना ग्वालियर, बड़वानी आदि शहरों में ऑनलाइन सट्टे का गेम खिलाया जाता है। सटर्टे का नेटवर्क संचालन के लिये आरोपियों द्वारा एरिया मैनेजर को नियुक्त किया जाता था। एरिया मैनेजर दुकानदारों को क्लाइंट आईडी बनाकर देते हैं। इस आईडी के माध्यम से 1 रुपए का 1 पांइट के हिसाब से बेचा जाता है।
एरिया मैनेजर दुकानदारों को क्लाइंट आईडी देते है और दुकानदार गेम खेलने वाले कस्टमरों को प्वाइंट देते हैं। कस्टमर दुकानदार के सिस्टम या मोबाइलों पर सॉफ्टटवेयर अपलोड कर उन्हें गेम खिलाते थे। इस गेम में कस्टमर से हार-जीत होती है. उसमें जीत की राशि में 10 प्रतिशत एरिया मैनेजर को 50 दुकानदारों का दिया जाता है। यदि कस्टमर जीतता है तो उसकी जीत का पैसा एरिया मैनेजर देगा और हारता तो दोबारा प्वाइंट खरीदना पड़ते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *