लखनऊ, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि देश की समृद्धि के लिए उत्तर प्रदेश के विकास जरुरी है। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपने गृह प्रदेष उप्र आये श्री कोविंद ने कहा कि सर्वाधिक आबादी वाले उप्र में प्राकृतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य को कई चीजें विरासत में मिली है, ऐसा अन्य प्रदेशों में नहीं है, देश में सबसे अधिक कृषि योग्य भूमि उत्तर प्रदेश में है, देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण इस प्रदेश की प्रगति जरूरी है।
उप्र के राज्यपाल राम नाईक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गुरूवार को यहां राष्ट्रपति कोविंद का नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान अपने सम्बोधन में श्री कोविंद ने कहा कि इस परिसर में आते समय मुझे बागपत नाव दुर्घटना की सूचना मिली जिसमें 22 लोगों की मौत हुई है। यह हादसा अत्यन्त दुखद है। मेरा अभिनन्दन समारोह ऐसी दुखद घटना के बाद शायद ठीक नहीं लगेगा, परन्तु फिर आप सब की भावनाओं को देखते हुए मैं कार्यक्रम में उपस्थित हुआ। उन्होंने कहा कि कुछ भी कहने-बोलने से पहले मैं उन 22 लोगों की दुखद मृत्यु पर अपना दुःख और संवेदना प्रगट करता हूँ। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की प्रगति के बिना देश विकसित नहीं हो सकता। देष के विकसित राज्यों में ऐसी भूमि नहीं है जैसी उत्तर प्रदेश में है। यहां की धरती को विरासत और समृद्धि का आशीर्वाद मिला है। उन्होंने कहा कि महामानव मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्रीराम, महामानव भगवान् यशोदानंदन श्रीकृष्ण, अनेक संत महात्माओं का इस उत्तर प्रदेश में ही प्राकट्य हुआ। यहां मुस्लिम धर्म का भी गौरव शाली प्रतीक फतेहपुर सीकरी मौजूद है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का पद बड़ा है परन्तु यहां मौजूद प्रत्येक व्यक्ति राजनेता, पत्रकार कैमरामैन, ड्यूटी वाले अधिकारी-कर्मचारी पुलिस के लोग और यहां तक कि शौचालय पर मौजूद कर्मचारी साथी सभी राष्ट्र सेवा और राष्ट्रनिर्माण में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने प्रदेश की मिट्टी से जुड़े साहित्यकारों, लेखकों, कवियों एवं अनेक प्रतिष्टित राजनेता रहे व्यक्तियों के नाम लेते हुए कहा कि इन सब को हम कभी भुला नहीं सकते इनके कारण उत्तर प्रदेश गौरान्वित है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रधानमंत्री का इस प्रदेश पर विशेष ध्यान रहता है, पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी पर हम सब को गर्व है। उन्होंने ‘कम्पोजिट’ दृष्टिकोण के साथ हमेशा राष्ट्रहित को सर्वोपरि माना। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रपति महोदय के साथ ही उपस्थित सभी लोगों ने 2 मिनट का मौन रखकर बागपत की घटना के मृतकों को श्रद्धांजलि दी।
वहीं समारोह में राज्यपाल रामनाइक ने अपने सम्बोधन में कहा कि मेरा और राष्ट्रपति का सम्बन्ध थोड़ा आपसब से अलग है, मेरे समय में यह दो बार राज्यसभा के सांसद और मैं तब लोकसभा का सांसद था। संसद की अनुशासन समिति का मैं जब अध्यक्ष था तो यह उसमे सम्मानित सदस्य थे। उन्होंने कहा कि उस समय भाजपा में अनुशासन तोड़ने की घटनाएं लगभग नहीं होती थीं, आज कुछ अलग स्थिति है। परन्तु उस समय भी आज के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अनुशाशन प्रियता सबसे अलग थी।
इससे पूर्व राष्ट्रपति बनने के बाद प्रथम बार प्रदेश की राजधानी में प्रथम बार आगमन पर उनका स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तमाम चुनौतियां का सामना और संघर्ष करते हुए आप इस सम्मानित पद पर पहुंचे हैं, 25 जुलाई को राष्ट्रपति बनने के बाद अपने प्रथम उदबोधन मे आपने कहा था कि मैं बहुत साधारण से परिवार और गाँव से निकल कर आया हूँ और मेरा यहां पहुंचने में मेरे उस गाँव, जनपद और पूरे प्रदेश का योगदान है।