जापान के बाद ड्रैगन ने दिखाई भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में रुचि

बीजिंग, चीन भले ही बार्डर मामले में भारत के साथ सख्त रुख दिखाता हो,लेकिन आर्थिक मामलों में चीन भी लगातार भारत के साथ जुड़ने की इच्छा रखता है। इसके कारण चीन ने भी भारत में बुलेट ट्रेन कार्यक्रम में जुड़ने में रुचि दिखाई है। बात दे कि गुरुवार को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखने जा रहे हैं, वहीं अब चीन ने भी भारत में हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन को लेकर किए गए सवाल पर चीन ने कहा कि वह भारत में ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में सहयोग करना चाहेगा। चीन ने कहा,वह इस दिशा में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है। चीन पहले ही भारत में दो हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट की स्टडी कर चुका है’। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि चीन भारत में चेन्नई-नई दिल्ली और नई दिल्ली-नागपुर के बीच हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट की संभावित स्टडी कर चुका है।गेंग शुआंग ने बताया हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर चीन और भारत महत्वपूर्ण सहमति की तरफ बढ़ रहे हैं। शुआंग ने कहा, दोनों देशों की संबंधित अथॉरिटी इस मसले पर एक दूसरे के संपर्क में हैं। दोनों देशों में एचएसआर प्रोजेक्ट की स्टडी पर सहमति बन गई है। बहुत जल्द ही इस दिशा में अंतिम निर्णय हो जाएगा। बता दें कि जापान और चीन हाई स्पीड रेल टेक्नोलॉजी निर्यात करने वाले दुनिया के दो बड़े देश माने जाते हैं। चीन ने इंडोनेशिया और थाईलैंड में हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम किया है। 14 सितंबर को अहमदाबाद में भारत और जापान के प्रधानमंत्री मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट का अनावरण करने वाले है। सरकार की ओर से कहा गया है कि ये प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रोजेक्ट का करार 2015 में हुआ था। इस पर 1.10 लाख करोड़ रुपए खर्च होना है, जिसमें लगभग 81 फीसदी जापान खर्च करेगा। भारत के लिहाजा से यह प्रोजेक्ट बहुत लाभकारी हैं क्योंकि इस प्रोजेक्ट में लगाने वाला पैसों जापान भारत को बहुत कम कीमत पर ब्याज पर दे रहा है। इसकारण जापान का यह सहयोग भारत में बुलेट ट्रेनों के सुनहरे भविष्य को ला सकता है।

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