मुंबई,चाहे वह खुले में शौच हो या नपुंसकता का मुद्दा, इन विषयों पर भारतीय सिनेमा में पहली बार फिल्में बन रही हैं, इसलिए मैं इन फिल्मों का हिस्सा बन कर काफी सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूं। यह बात दम लगा के हईशा’,टॉयलेट एक प्रेम कथा’ और ‘शुभ मंगल सावधान’ जैसी फिल्मों में एक छोटे शहर की और मध्यम वर्ग की लडक़ी का किरदार निभाने वाली भूमि पेडनेकर ने कही। भूमि का कहना है कि वास्तविक जीवन में उन्हें अच्छे कपड़े पहनने का शौक है और उनकी यह ख्वाहिश मनोरंजन उद्योग से जुडक़र पूरी हुई है। भूमि आजकल अपनी नई फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ का जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या मीडिया द्वारा एक ही फिल्मों के बारे में या किसी एक ही विषय पर बार-बार सवाल पूछे जाने से वह ऊब जाती हैं, उन्होंने कहा मैं अपनी फिल्मों का प्रचार करके नहीं ऊबती क्योंकि यह मेरे लिए एक नई प्रक्रिया है। हालांकि शूटिंग और अभिनय करना प्रचार करने से ज्यादा दिलचस्प होता है। जब मुझे खूबसूरत कपड़े पहनने और अच्छे से तैयार होने का मौका मिलता है, तब मुझे खुशी होती है। वास्तविक जीवन में एक महिला के रूप में मुझे खूबसूरत दिखना और खुद पर थोड़ा गुमान करना पसंद है।
उन्होंने आगे कहा,असल जिंदगी में तैयार होने में दो घंटे तक का समय लेती हूं। चाहे मैं अपने दोस्तों से मिलने जा रही हूं या किसी फिल्म का प्रमोशन कर रही हूं, मैं हमेशा तैयार होने में घंटों लगाती हूं। मैं पूरी तरह से एक पारंपरिक मुंबई की लडक़ी हूं। भूमि बॉलीवुड में परंपरागत नायिका की छवि को तोडऩे वाली फिल्मों में काम करते हुए उद्योग में अपनी जगह बनाने का प्रयास कर रही हैं। भूमि ने कहा कि उन्हें एक अच्छी कहानी को मना करने का कोई कारण नजर नहीं आता। एक मुबंई की लडक़ी के लिए छोटे शहरों की लडक़ी का किरदार निभाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है। भूमि की आर. एस. प्रसन्ना द्वारा निर्देशित,शुभ मंगल सावधान’ इस शुक्रवार को रिलीज हुई है।