नई दिल्ली, पाकिस्तान क्रिकेट में खास मुकाम रखने वाले सईद अनवर के जीवन में बेटी की मौत ने भूचाल ला दिया था, बेटी की मौत के बाद सईद ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। बात दे कि पाकिस्तान के सलामी सईद अनवर आज 49 साल के हो गए है यानि कि 6 सिंतबर को उनका जन्मदिन है। इस सलामी खिलाड़ी का क्रिकेट करियर बेहद ही दिलचस्प रहा और इन्होंने कई बड़े रिकार्डस भी अपने नाम किए। लेकिन एक घटना ने इनकी जिंदगी ही बदल दी और इन्होंने टेस्ट मैच खेलना बंद कर दिया। दरअसल, वनडे इतिहास में 12 साल तक सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड रखने वाले सईद अनवर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर 13 साल (1990-2003) का रहा, लेकिन 2001 का मुल्तान टेस्ट इस पाकिस्तानी बल्लेबाज के लिए आखिरी टेस्ट साबित हुआ। इस टेस्ट में शतक जमाने के बाद उन्होंने दोबारा टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला, इसके पीछे उनकी वजह उनकी बेटी की मौत थी।
2001 में जब सईद अनवर के मुल्तान टेस्ट के पहले दिन को शतक जमाने के दो दिन बाद ही उनकी साढ़े 3 साल की बेटी बिस्माह की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। वे लाहौर लौट गए। इसके बाद फिर कभी टेस्ट मैच नहीं खेला। हालांकि इसके बाद सईद अनवर वनडे टीम में अंदर-बाहर होते रहे। 2003 वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत के खिलाफ जुझारू शतक जमाया, लेकिन पाकिस्तान वह मैच हार गया था। अनवर ने वह शतक अपनी बेटी को समर्पित किया। अपनी बेटी की मौत के बाद अनवर काफी टूट चुके थे और उनका झुकाव धर्म की ओर हो गया है। बता दें कि 2009 में जिंब्बाब्वे के चार्ल्स कोवेंट्री ने नाबाद 194 रनों की पारी खेलकर इस जादुई आंकड़े की बराबरी की थी। लेकिन इसके तीन साल बाद ही सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 200 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलकर रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज करा लिया।