चंडीगढ़, हरियाणा पुलिस में डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम के और भी गुप्तचर हैं। ये गुप्तचर पंचकूला में हिंसा से पहले और बाद में भी पुलिस की सूचनाएं लीक करते रहे हैं। यह खुलासा निलंबित हेड कॉन्स्टेबल से पूछताछ में हुआ है। इस खुलासे के बाद हरियाणा पुलिस के कान खड़े हो गए हैं। इन्हें सामने लाने के लिए हरियाणा पुलिस ने अब ऐसे लोगों की धरपकड़ का अभियान शुरू किया है।
निलंबित किया गया यादवेंद्र सिंह नाम का यह हेड कॉन्स्टेबल कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा के थाना प्रभारी का ड्राइवर था। ज्ञात हो कि डेरा प्रमुख को सीबीआई अदालत परिसर से भगाने की असफल कोशिश करने वाले पांच कमांडो भी हरियाणा पुलिस के ही मुलाजिम थे। इन्हें पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। हरियाणा पुलिस अब विभाग में कार्यरत राम रहीम के गुप्तचरों की तलाश में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक, निलंबित हेड कॉन्स्टेबल यादवेंद्र सिंह हरियाणा क्राइम ब्रांच में तैनात एक महिला सब इंस्पेक्टर शिंदर कौर के संपर्क में था, जो 28 अगस्त को पंचकूला में हुए दंगे के सिलसिले में दर्ज हुए पहले मामले के आरोपी जसबीर सिंह बकाली की करीबी मित्र बताई जाती हैं।
उल्लेखनीय है यह मामला दंगे के केंद्र हैफेड चौक पर तैनात इंस्पेक्टर श्रीभगवान की शिकायत पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 332, 353, 186, 188, 307 और 120 के तहत पंचकूला के सेक्टर पांच थाने में दर्ज किया गया था। यह पहली ऐसी प्राथमिकी है, जिसमें डेरा प्रमुख का उल्लेख करते हुए दंगे को पूरी तरह से नियोजित बताया गया था।
इधर, जब यह मुकदमा दर्ज हुआ, तो कुरुक्षेत्र पुलिस ने भी इसकी पड़ताल शुरू की। इसी दौरान लाडवा के थाना प्रभारी के ड्राइवर यादवेंद्र सिंह द्वारा डेरे को सूचनाएं लीक करने की बात सामने आई। इसके बाद ही उसे निलबिंत कर दिया गया।
पुलिस ने ताजा जानकारियां हरियाणा पुलिस मुख्यालय को भी पहुंचा दी हैं। सूत्रों के मुताबिक पंचकूला में दर्ज प्राथमिकी में मुख्य आरोपी के तौर पर नामजद जसबीर सिंह बकाली डेरा सच्चा सौदा की उस 45 सदस्यीय कोर कमेटी का सदस्य है, जिसने गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने से पहले और बाद के लिए बनाई गई रणनीति तैयार की थी। हरियाणा पुलिस का फोकस अब जहां विभाग में मौजूद डेरा सच्चा सौदा के गुप्तचरों की तलाश पर है, वहीं यह पता लगाने की भी कोशिश की जा रही है कि आखिर कब और किस स्तर की गोपनीय सूचनाएं डेरे तक पहुंचाई गई हैं।