मुंबई, बालीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन केबीसी के शो मेकर्स के लिए एक चेहरा बन चुके हैं। आप उन्हें केबीसी का लकी चार्म कह सकते हैं। क्योंकि एक बार उनके शो में ना होने का खामियाजा कई लोग भुगत चुके हैं। वह शो मेकर्स या कोई दूसरी पीआर टीम नहीं बल्कि वो लोग थे जो इस शो में करोड़पति बनने का सपना लेकर आए थे। ये वो साल था जब केबीसी में सूखा पड़ गया था और दर्शक एक ‘मिडिल क्लास करोड़पति’ की खबर पढ़ने को तरस गए थे। ये केबीसी का तीसरा सीजन था। कहा जाता है कि अमिताभ बच्चन की तबीयत खराब थी इस वजह से उन्होंने शो से दूरी बनाई थी। ऐसे हालात में शो मेकर्स ने किंग खान यानी शाहरुख को ये ‘चमत्कारी कुर्सी’ दी। लेकिन ‘रोमांस के किंग’ का जादू कंटेस्टेंट्स के लिए खासा ‘अनलकी’ साबित हुआ। शाहरुख दोनों हाथ फैलाए अपनी उसी स्माइल के साथ कंटेस्टेंट्स को बुला रहे थे लेकिन ना जाने ऐसा क्या हो गया था कि कोई ‘करोड़ी क्वेश्चन’ को निशाना बनाने में सफल नहीं हो पा रहा था। अमिताभ बच्चन इस शो के लिए ‘जांचे परखे टोटके’ की तरह हैं। यह वो टोटका है जो सक्सेस की गारंटी देता है। जिस तरह बसों और ट्रेन में चिपके बाबाओं के पोस्टर 100 फीसदी गारंटी देकर लोगों को बुलाते हैं।
अमिताभ को कह सकते हैं KBC का लकी चार्म
