जबलपुर, केंद्रीय मंत्रीमण्डल के विस्तार को लेकर कल सारे दिन राजनैतिक हलकों में सनसनी का बाजार गर्म रहा। जबलपुर से सांसद राकेश सिंह और दमोह से सांसद प्रहलाद पटेल को मंत्री मण्डल में शामिल किये जाने के कयासों के चलते दोनों के समर्थकों में बैचेनी देखी गई। हर कोई टीवी चैनलों पर अपनी नजरे गड़ाये रहा तो वहीं दिल्ली फोन घनघनाते रहे। गौरतलब है कि दोनों के बीच बड़ी संख्या में समर्थक जबलपुर में मौजूद हैं और दोनों के पक्ष में ही कई समीकरण मंत्री पक्ष के लिये बन रहे थे। सांसद राकेश सिंह के बारे में यह कहा जा रहा था कि वे एक अच्छे समन्वयक हैं और लोकसभा में भाजपा सांसद दल के मुख्य सचेतक के रुप में उनका परफार्मेंस बेहद अच्छा रहा। जहां तक कि लोकसभा के आईएस अधिकारियों, वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सरकार को उनके पक्ष में अच्छी रिपोर्ट दी। कहा तो यह तक जा रहा है कि लोकसभा में अब तक का सबसे अपडेट और व्यवस्थित काम का श्रेय राकेश सिंह को जाता है। जबकि प्रहलाद पटेल के बारे में उनके समर्थक यह कहते रहे कि मणिपुर में पहली बार भाजपा की सरकार बनवाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लिहाजा उन्हें इसका ईनाम मिल्ा सकता है। उनके पक्ष में एक बात और कही जाती रही कि उमा भारती के रुप में केंद्रीयमंत्री मण्डल से एक लोधी चेहरा बाहर निकाला गया है। लिहाजा दूसरे लोधी चहरे के रुप में प्रहलाद पटेल को लिया जा सकता है। एक अन्य चर्चा यह भी रही कि फग्गन सिंह कुलस्ते को मंत्रीमण्डल से इस्तीफा लिये जाने के बाद कोई आदिवासी चेहरा ही मंत्री मण्डल में शामिल किया जायेगा।