लोकार्पण के बाद भी करोड़ों के सरकारी भवनों में लटक रहे ताले

अशोकनगर, जिले का विकास भाजपा और कांग्रेस के बीच विवादों में उलझकर रह गया है। यही कारण है कि करोड़ों के सरकारी भवनों का लोकार्पण होने के बाद भी उनके मुख्यद्वारों पर ताले लटके हुए हैं और लोगों को इन भवनों का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
लोकार्पणों के समय एडी-चोटी का जोर लगाते भाजपा एवं कांग्रेस के नेताओं द्वारा अब इन भवनों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोकार्पण के समय दोनों पार्टीयों के कार्यकर्ताओं में जो दम भरा था। व्यवस्थाओं के नाम पर अब वह ठण्डा पड़ गया है। जिसके कारण करोड़ों की राशि खर्च करने के बावजूद जिले को अभी इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इन बिल्डिंगो को बनाने में शासन के कारणों रुपया खर्च हुए और इनके बनने का श्रेय लेने में न भाजपा के नेता पीछे रहे और न कांग्रेस के दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने विवादों के बीच सिर्फ लोकार्पण में रुचि दिखाई और इनकी व्यवस्थाओं पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। वर्तमान में बिल्डिंगों पर अपने नाम की पट्टिकाएं चिपकी दिखाई दे रहीं हैं। लेकिन लोगों को इसका फायदा मिले इस तरफ दोनों पार्टियों के नेता ध्यान नहीं दे रहे हैं।
डेढ़ माह बीता नहीं हुई व्यवस्थाएं:
जिला अस्पताल में बने ट्रामा सेंटर का लोकार्पण हुए करीब डेढ़ माह बीतने को है। लेकिन संसाधन व चिकित्सकों की तैनाती किए बगैर ही आनन-फानन में लोकार्पण किये जाने के कारण ट्रामा सेंटर का मुकम्मल लाभ मरीजों को नही मिल रहा है। भवन के गेट पर अभी भी ताला लटका हुआ है। वहीं लोकार्पण करने की लड़ाई लड़ चुकी भाजपा एवं कांग्रेस इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। जिसके कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
मुख्यमंत्री ने किया अधूरे पार्क का लोकापर्ण लटके ताले:
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 27 अगस्त को चन्देरी में अधूरे बुनकर पार्क का लोकार्पण किया। जिसका कांग्रेसियों द्वारा जमकर विरोध भी किया गया। लेकिन आनन-फानन में किये गए लोकार्पण के बाद अब इस पार्क में ताले लटके हुए हैं। इस पार्क में मात्र एक चौकीदार ही मौजूद रहता है। वहीं कभी कबार ताले खोल लेता है। इसके अलावा अन्य सभी रूमों के सिर्फ ढांचे ही बने हुए हैं। बुनकरों की माने तो सभी 24 ब्लॉको में अभी लूम तैयार करने में दो महीने का समय लग जाएगा।
एएनएम सेंटर में भी पड़ा बंद:
तुलसी सरोवर के पास स्थित एएनएम सेंटर के लोकार्पण करीब दो साल हो गए हैं लेकिन यहां अभी भी ताले लटके हुए हैं। लगभग 4 करोड़ रूपये की लागत से बनी इस बिल्डिंग का लोकार्पण सितम्बर 2015 में सांसद सिंधिया द्वारा किया गया था। वर्तमान में पूरी बिल्डिंग अंदर से धूल खा रही हैं। वहीं खिड़कियों के कांच भी टूटे हुए पड़े। कई जगहों से बिल्डिंग भी क्षतिग्रस्त होने लगी है।

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