पटना, बिहार में महागठबंधन प्रमुख सहयोगी जदयू के टूट कर भाजपा के साथ सरकार बना लेने के बाद अब इसके दूसरे प्रमुख सहयोगी कांग्रेस का अंतरसंघर्ष अब सतह पर दिखाई देने लगा है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के 27 विधायकों में से 13 से लेकर 18 विधायक तक जदयू के पाले में जा सकते हैं। इस संभावित दलबदल के सूत्रधार सदानंद सिंह हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है।
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार बिहार सरकार ने पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के बंगले को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और बाकी वर्तमान मंत्रियों को सौंपने के आदेश जारी कर दिए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के बंगले को अब तक उनसे वापिस नही लिया गया। सरकार द्वारा कांग्रेस पर दिखाई इस मेहरबानी को लेकर ही कांग्रेस विधायकों के जदयू में शामिल होने के कयासों ने जोर पकड़ लिया है। इसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह और विधान पार्षद दिलीप चौधरी पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली गए हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार सदानंद सिंह ही पार्टी की संभावित टूट के लिए जिम्मेदार हैं। सदानंद सिंह और अशोक चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस छोड़ने की स्थिति में दलबदल कानून से बचने के लिए पार्टी के 18 विधायकों का समर्थन जरुरी है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस का बागी खेमा इन दिनों इसी प्रबंध में जुटा हुआ है। पार्टी की टूट की एक वजह राजद को भी कहा जा रहा है। कांग्रेस के कुछ विधायक रैली में न बुलाने को लेकर राजद से काफी नाराज हैं।