मामूली राहत के बाद मुंबई में फिर झमाझम, स्कूल-कॉलेज और ‘डिब्बा’ बंद

मुंबई,मुंबई में फिर से बारिश के कारण निचले इलाके जलमगन होने लगे हैं। निचले इलाकों की हालत बहुत खबरा हैं। इसके चलते सभी स्कूल-कालेजों और दफ्तरों में छुट्टी दे दी गई हैं। भारी बारिश के कारण अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। तीन मौतें विक्रोली में दो इमारतों के ढहने से हुई हैं। इसके साथ ठाणे में पानी में बहने से तीन लोगों की मौत हो गई है। पिछले 12 सालों में बारिश की वजह से सबसे ज़्यादा भयावह हालात हैं। मंगलवार को सामान्य से 29 गुना ज्यादा बारिश हुई है। 1997 के बाद अगस्त में एक दिन की ये सबसे ज्यादा बारिश है। आज और गुरुवार को भी भारी बारिश का अलर्ट है। बिगड़ते हालात को देखते हुए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं डिब्बा वाला के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने बताया कि डिब्बा वाला आज खाना नहीं पहुंचा पाएंगे क्योंकि वे मंगलवार को बारिश के कारण डिब्बे वापस नहीं ले पाए थे.
हिंदमाता, लोअर परेल, मलाड, बांद्रा, कुर्ला समेत कई निचले इलाक़ों में पानी भरा हुआ है। लोगों को घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी दी गई है। स्कूल, कॉलेज, दफ्तर सभी को बंद रखने का आदेश है। एनडीआरएफ की 12 टीमों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है। नेवी की 5 राहत टीमें स्टैंडबाई पर हैं। गोताखोरों की टीम को भी स्टैंडबाई पर रखा गया है. कई जगह पटरियों पर पानी भरने की वजह से लोकल ठप पड़ गई, हालांकि वेस्टर्न लाइन पर लोकल चालू हो गई है. सेंट्रल लाइन पर भी हालात सुधरे हैं। हार्बर लाइन अब भी पूरी तरह ठप है। एयरपोर्ट पर हालात सामान्य हो रहे हैं। सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित है। हालात सामान्य होने तक मुंबई के टोल नाकों, सी लिंक पर टोल वसूली बंद कर दी गई है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने सूबे के मुख्यमंत्री से बात कर हालात से निपटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से अपील की है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, घरों से न निकलें. सरकार ने किसी भी गंभीर हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 10 टीमें विभिन्न जगहों पर तैनात की हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के वर्तमान हालात पर चिंता जाहिर की है। एक ट्वीट संदेश में उन्होंने लोगों से घरों में सुरक्षित रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में केंद्र, राज्य सरकार के साथ है और हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी.उधर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर हालात का जायजा लिया।
दो बच्चों सहित छह व्यक्तियों की मौत हो गई
जानकारी के मुताबित, उपनगर विक्रोली में दो घरों के ढहने से दो बच्चों सहित तीन व्यक्तियों की मौत हो गई। पहली घटना पहाड़ी सूर्य नगर की है जहां ऊंचाई पर स्थित एक मकान नीचे वाले घर पर गिर पड़ा जिसमें डेढ़ साल का निखिल, 40 वर्षीय सुरेश अर्जुन प्रसाद मौर्य और किरण बेबी पाल (25) फंस गए. उन्हें पास के सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां निखिल और सुरेश अर्जुन की भर्ती होने से पहले ही मौत हो गई। एक अन्य घटना में विक्रोली पार्कसाइट के पहाड़ी वर्षानगर में एक दीवार एक घर पर गिर गई जिसमें दो वर्षीय कल्याणी जनगम की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसके पिता गोपाल जनगम और मां छाया जनगम जख्मी हो गईं. थाणे में भी भारी बारिश के कारण एक महिला और एक बच्ची की मौत की ख़बर है।
मौसम विभाग ने 48 घंटों तक भारी बारिश की दी चेतावनी
मौसाम विभाग ने अलगे दो दिनो तक भारी बारिश की संभावना जताई हैं। मंगलवार को हुई भारी बारिश ने मुंबईवासियों को 26 जुलाई, 2005 की याद दिला दी। जब 24 घंटे में 944 मिमी. बरसात हुई थी और सैकड़ों लोग मारे गए थे। लोगों को हालात फिर कुछ वैसे ही बनते दिखाई दिए। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मंगलवार नौ घंटे में मुंबई में 298 मिमी बारिश हुई है। यह मुंबई में आम तौर पर होने वाली बारिश से नौ गुना ज्यादा है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश आज भी जारी रह सकती है।
‘लाइफलाइन’, ने फिर दिया लोगों का साथ
मायानगरी मुंबई का तेज बारिश के कारण बुरा हाल है। जगह-जगह भरे हुए पानी और जाम ने मुंबईवासियों की रफ्तार रोक दी है, लेकिन इस मुश्किल समय में भी जिस चीज ने लोगों का साथ दिया, वह थी मुंबई की जान कही जाने वाली लोकल ट्रेन। मुंबई लोकल पूरी रात चलती रही और फंसे लोगों को उनकी मंजिल पर पहुंचाया। तेज बारिश और पानी भर जाने के कारण कुछ समय के लिए तो मुंबई लोकल भी थम गई थी, लेकिन जैसे ही ट्रेन चालू हुई तो लोगों का जान में जान आई। वहीं नौसेना ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के अपने हेलीकॉप्टर और गोताखोर तैयार रखे हैं। इस बीच एनडीआरएफ की दो टुकडिय़ों को मुंबई रवाना कर दिया गया है।
मदद के लिए आगे आए लोग
मुंबई में इन दिनों गणेशोत्सव चल रहा है। जगह-जगह सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों की स्थापना की गई है। बारिश में फंसे लोगों को राहत देने के लिए ऐसे कुछ मंडलों ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं। उन्होंने दादर, परेल, सायन आदि स्टेशनों के बीच फंसे लोगों को अपने मंडल में भोजन और ठहरने की पेशकश की है। शहर के कुछ धार्मिक स्थलों की तरफ से भी ऐसे प्रस्ताव आए हैं। नवी मुंबई पुलिस ने मॉल प्रबंधकों से बारिश में फंसे लोगों को शरण देने की अपील की है।

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