फर्जी नियुक्ति मामले में 15 कर्मचारियों का वेतन रोका,FIR के निर्देश

भोपाल,स्वास्थ्य विभाग में फर्जी नियुक्ति मामले में 15 कर्मचारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए है। साथ ही सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए हैं। व्यावसायिक परीक्षा मंडल से चयनित युवाओं की पोस्टिंग फर्जी पाई गई हैं। स्वास्थ्य संचालनालय ने विदिशा में पदस्थ 15 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। इस मामले में हीलाहवाली कर रहे सीएमएचओ का भी वेतन रोक दिया गया है तथा उनके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने कहा गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2015 में व्यापमं के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों की स्वास्थ्य विभाग ने काउंसलिंग करते हुए जिला एवं संभाग स्तर पर नियुक्तियां की थीं। पोस्टिंग के एक साल बाद पता चला कि कई लोगों की फर्जी नियुक्तियां हुई हैं। संचालनालय ने 1 अगस्त 2016 को विदिशा के सीएमएचओ डॉ.बीएल आर्य को निर्देशित किया कि उनके जिले में जितनी भी फर्जी नियुक्तियां हुई हैं उन सभी को निरस्त करते हुए एफआईआर दर्ज कराई जाए लेकिन सीएमएचओ ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
आयुक्त ने अब क्षेत्रीय संचालक को निर्देशित किया है कि सीएमएचओ अगर 5 नवम्बर तक फर्जी नियुक्ति वालों के खिलाफ एफआईआर नहीं कराते हैं तो वे स्वयं फर्जी नियुक्त कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल एफआईआर कराएं तथा इसमें सीएमएचओ को भी आरोपी बनाया जाए। दो साल पहले दतिया में कुछ कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति होने का खुलासा हुआ था। इस मामले में कोषालय में पदस्थ एक कर्मचारी को निलंबित किया गया था। सीहोर और रायसेन में भी मामले सामने आए थे। संचालनालय ने अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि जिलों में पदस्थ किसी भी कर्मचारी का संदिग्ध यूनिक एम्पलाई कोड पाया जाता है तो तत्काल उसका वेतन रोक दिया जाए। संचालनालय ने फर्जी नियुक्ति होने की संभावना पर जिन 15 कर्मचारियों का वेतन रोका है उनमें पुरुषोत्तम मकोडे, प्रवीण कुमार नगदे, बृजेश नरवरिया, तिलेश्वर देशमुख, विजय कुमार, चन्द्रभूषण पाल, प्रदीप रघुवंशी, विशाल जागरे, सुरेन्द्र ठाकुर, मिथलेश लुहारे, सुरेश जाटव, सत्यपाल सिंह, आधार सिंह, शैलेश कुमार और रूपेश देशमुख का नाम शामिल हैं।

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