भोपाल, राजधानी के उपनगर करोंद रतन कालोनी जेल रोड ग्राउंड में 14 जनवरी से हो रही श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन देवी चित्रलेखा ने भगवान की 16108 विवाह कथा का श्रवण कराया. कथा के विश्राम के पूर्व पंडाल में ब्रज में पुष्प होली की कथा श्रवण कराते हुए पुष्प होली उत्सव का आनंद ले- तेरे फूलों से भी प्यारा तेरे कांटो से भी प्यारा- भजन पुष्प वर्षा करने हुए झूमे श्रोता.
इस भव्य श्रीमद भागवत कथा का आयोजन धर्मश्री आयोजन समिति के तत्वावधान में प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग के संरक्षण में किया जा रहा है जिसके अध्यक्ष नीरज पचौरी हैं. आज शाम सारंग ने स्वयं कथा में उपस्थित होकर कथा का रसपान किया.
देवी चित्रलेखा ने बताया कि जब भूमि पुत्र भौमासुर दैत्य द्वारा उनके साथ विवाह के उद्देश्य से कारागार में बंद कर लिया तो सभी राजकन्याओं की करूण पुकार पर कन्हैया ने स्वयं प्रकट हो दैत्य का संहार कर उन्हें मुक्त कराया. जब कन्याओं ने प्रभु से कहा कि इतने लंबे वक्त तक वह परिवार से दूर थी क्या अब उन्हें उनके परिवार वालें स्वीकार करेगें तो प्रभु ने उन सभी से विवाह कर लिया. प्रभु की जो आठ पटरानियां थी वह शास्त्रों के अनुसार आठ प्रकार की प्रकृति हैं जिन्हें अष्टधाप्रकृति कहते हैं जो सोलह हजार रानियां थी वह स्वयं वेदों के मंत्र के रूप में हैं.