नई दिल्ली/चंडीगढ, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख दुष्कर्म के आरोपी बाबा गुरमीत सिंह को दोषी करार दिए जाने के बाद हुए उपद्रव ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस उपद्रव में सरकार की नाकामी साफ जाहिर हुई। इस पर हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार का जमकर फटकार लगाई। कोर्ट की फुल बेंच ने कहा- सरकार ने हालात के सामने सरेंडर कर दिया। केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने प्रधानमंत्री के बारे में कहा, ‘वह देश के प्रधानमंत्री हैं, न कि बीजेपी के। कोर्ट ने यह टिप्पणी केंद्र सरकार के वकील की दलील के बाद आई। केंद्र के वकील ने कहा कि हरियाण की हिंसा राज्य का विषय है। इस पर कोर्ट ने कहा, क्या हरियाणा, भारत का हिस्सा नहीं है? पंजाब और हरियाणा के साथ सौतेले बच्चे की तरह बर्ताव क्यों किया जा रहा है?
बाबा के कमांडो ने शुरू की हिंसा- देशद्रोह के केस
आईजी को थप्पड़ भी मारा था
आईजी को थप्पड़ मारने वाले राम रहीम के 6 सुरक्षा गार्ड और दो समर्थक अरेस्ट
गुरमीत की गिरफ्तारी के समय उसके 6 सुरक्षा गार्डों और 2 समर्थकों ने करनाल के आईजी को थप्पड़ मार दिया, इन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। हरियाणा में हुई भारी हिंसा की शुरुआत बाबा की सुरक्षा में तैनात सरकारी कमांडो ने की थी। दोनों सरकारी कमांडो ने सीबीआई कोर्ट द्वारा रेप के आरोप में दोषी ठहराए जाने के बाद बाबा को जेल ले जाने से मना कर दिया था।
खट्टर का इस्तीफा नहीं लेगा केंद्र
दिल्ली के भाजपा कार्यालय में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में हरियाणा के हालात पर चर्चा हुई। भाजपा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे से इनकार किया है। बैठक में हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन, कैलाश विजयवर्गीय से अमित शाह ने मुलाकात की।
बाबा का बैग उठाने वाले डिप्टी एडवोकेट जनरल बर्खास्त
अफसर सस्पेंड
शुक्रवार को पेशी के दौरान बाबा का बैग उठाने को लेकर हरियाणा के डिप्टी एडवोकेट जनरल गुरदास सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। गुरदास पर आरोप था कि वह कोर्ट में पेशी के दौरान राम रहीम का बैग उठाकर उनके साथ चल रहे थे। वहीं पंचकूला के हटाए गए डीसीपी अशोक कुमार ने भारी हिंसा के बावजूद धारा-144 नहीं लगाई थी। उन्होंने पंजाब और हरियाणा में धारा-144 लगाने को लेकर झूठ बोला था।
नशा से छुटकारा दिलाया तो लोग गुरमीत के अंधभक्त बनते गए
बाबा का व्यवसाय बढ़ते गए
7 साल के गुरमीत सिंह से 49 साल के बाबा राम रहीम के बीच का फासला केवल 42 बरस का नहीं है। 31 मार्च 1974 को जब डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह ने सात साल के गुरमीत सिंह को राम रहीम का नाम दिया था तो उन्हें अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि उनका ये शिष्य डेरे की साधारणता की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए नहीं भोग-विलास के शौक के लिए जाना जाएगा। सिरसा के डेरे को एक ऐसे अड्डे में बदला जहां छोटी-छोटी मुश्किलों से जूझते हुए मामूली लोगों के लिए भी एक बाबा हाजिर हो। राम रहीम ने इस बाजार के जातीय वर्ग विभाजन को अच्छी तरह से समझा और महसूस किया कि दलितों, पिछड़ों और निचले तबके की औरतों के लिए ऐसा कोई बाबा नहीं है जिसके दरबार में वो अपना शीश नवा सकें, फिर क्या था बाबा ने अपनी नजरें इसी बाजार के विस्तार पर गड़ा दीं। राम रहीम ने नशा मुक्ति का व्यापक अभियान शुरू किया। हरियाणा-पंजाब के गरीब पुरुष बड़ी संख्या में इसके शिकार थे। नशा मुक्ति अभियान ने महिलाओं को डेरे के साथ जोड़ा। विधवा विवाह, स्त्री शिक्षा और दहेज विरोध ने बाबा को अलग धऱातल पर स्थापित कर दिया। डेरे का दावा है कि दुनियाभर में उसके 5 करोड़ से ज्याया अनुयायी हैं। भक्त अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी हैं। अकेले हरियाणा में ही 25 लाख से ज्यादा डेरा समर्थक हैं। पूरे भारत में डेरे की 5000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। सिरसा के आश्रम में एक साथ 1 लाख भक्त रुक सकते हैं। एमएसजी के नाम से अपनी दवा कंपनी बनाई। आटा-दाल-तेल का कारोबार शुरू किया। पूजा सामग्री का धंधा बढ़ा, और इसी के साथ बढ़ी राम रहीम की आर्थिक और सियासी ताकत। वोट के लिए नेता राम रहीम के दरबार में सिर नवाने आने लगे। सार्वजनिक जीवन में सादगी का कारोबार करने वाला एक धार्मिक व्यापारी निजी जिंदगी में डेढ़ करोड़ की कार की सवारी करता था। बाबा किस कार में सवार हैं ये पता न चले इसलिए आगे-पीछे काले रंग की डेढ़-डेढ़ करोड़ की पांच गाडिय़ां चलती थीं।
शवों की नहीं हुई पहचान
हिंसा में मारे गए मृतकों के शवों को पंचकूला सिविल अस्पताल के मुर्दाघरों में रखा गया है। जहां मृतकों के जेब में रखे मोबाइल फोन वहां भी बज रहे हैं। अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक हिंसा के बाद लग गए शवों की पहचान नहीं हो पाई है। बताया जाता है कि अस्पताल में पड़े शवों में दो शव महिलाओं के है। इनमें सबसे कम उम्र के 15 और 17 वर्ष के दो युवक हैं। सबसे अधिक उम्र के एक 60 साल के वृद्ध हैं। सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों को मृतकों के रिंग होते हुए फोन को उठाने की इजाजत नहीं दी गई थी वरना दंगा करने वाले कफ्र्यू के बावजूद अस्पताल में पहुंचकर उत्पात मचाना शुरु कर देते। डॉक्टर्स ने कहा, हम उनके फोन को सुबह में रिसीव किया जाएगा।
सीबीआई के सख्त अफसर ने की तफ्शीश
वरना महिलाएं तो बयान नहीं देना चाहती थीं
सीबीआई के जांच अधिकारी पूर्व संयुक्त निदेशक एम नारायण की सूझबूझ और दबंगई के कारण गुरमीत को विशेष अदालत ने दोषी करार मानते हुए सजा देने का निर्णय लिया है। जांच के दौरान इस अधिकारी के ऊपर ना केवल वरिष्ठ अधिकारियों, वरन राजनेताओं का भी मामले को रफा-दफा करने का बड़ा दबाव था। वहीं जिन साध्वी महिलाओं ने बाबा गुरमीत की शिकायत की थी। उन्होंने शादी करने के बाद अपनी शिकायत पर बयान देने से मना कर दिया था। एम नारायण ने जिन महिलाओं का शोषण हुआ था। वह शादी करके अपना घर बसा चुकी थी। उनसे स्वयं मिलकर उन्हें आश्वस्त किया और मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान पंजीबद्ध कराने के लिए उन्हें तैयार किया। सीबीआई अधिकारी की व्यक्तिगत रुचि ने डेरा प्रमुख के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित करने में वह सफल हुए। इसके बाद ही बाबा गुरमीत को सीबीआई की विशेष अदालत से सजा मिल सकी। यदि वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं के दबाव में आ जाते, तो बाबा को सजा होना असंभव था।
सेना के साये में डेरा को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू
सिरसा के डेरा मुख्यालय में पुलिस बाबा के आरामगाह में घुस गई है। डेरे में 32 हजार से ज्यादा लोग हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चे हैं। महिलाओं व बच्चों को बाहर निकालना बड़ी चुनौती है। डेरे के चारों तरफ सेना लगा दी गई है और सेना ने पूरी तरह से नाकेबंदी कर दी है। रात में डेरे से कम से कम 5000 लोग घरों को लौटे हैं। सेना और पुलिस के द्वारा वहां से समर्थकों को निकाले जाने का प्रयास किया जा रहा है। बताया जा रहा हैं कि डेरा के अंदर भारी तादाद में पुलिस जवान मौजूद हैं। दोनों पक्षों में टकराव की भी खबरें हैं। मुख्यालय में एक से डेढ़ हजार समर्थक मौजूद हैं और उनके पास लाठियां व पत्थर होने की खबर है। हालांकि डीजीपी ने बताया कि गुरुवार की रात तक समर्थकों के पास किसी प्रकार के हथियार नहीं थे। शुक्रवार देर रात सेना ने डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय को घेर लिया था। वहीं करनाल में 15 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है।
शिकंजे में बाबा, दूसरे मामले में पेशी
जयपुर। साध्वी से यौन शोषण के आरोप में सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए गुरमीत पर कानून का शिंकाजा कसना शुरू हो गया है। हरियाणा के बाद अब राजस्थान के जयपुर से भी बाबा के खिलाफ मामला आ गया है। बाबा के खिलाफ जयपुर की एक महिला अनुयायी को भी बहला-फुसलाकर गायब करने का आरोप लग चुका है। 7 सितंबर को बयान दर्ज होने वाला है।
एक नजर में खबर
-रोहतक जेल में ही लगेगी सीबीआई की विशेष अदालत
-कल सुनाई जाएगी गुरमीत को सजा
-सिरसा के डेरा मुख्यालय के निकट सेना मौजूद, पर परिसर में नहीं घुसेगी
-गुरमीत के नाराज अनुयायी अभी भी परिसर में जमे हुए हैं, प्रशासन ने बाहर निकलने की अपील की
– हरियाणा में 36 डेरा परिसर हैं, जिन्हें ‘नाम चर्चा घरÓ के नाम से जाना जाता है
-दो डेरा परिसरों को सील किया, अन्य जिलों में भी डेरा परिसरों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू
– सिरसा में दो एके-47 के साथ एक डेरा समर्थक गिरफ्तार
-1,000 एकड़ में फैला परिसर अपने आप में एक बस्ती की तरह है जिसमें स्कूल, खेल गांव, अस्पताल और सिनेमा हॉल हैं
-पंचकूला के डीसीपी अशोक कुमार को लापरवाही के चलते सस्पेंड किया गया
-गुरमीत सिंह की जेड प्लस सुरक्षा सरकार ने वापस ली
-मुख्य सचिव की सफाई- जेल के अंदर कोई विशेष सुविधा नहीं दी जा रही
– गुरमीत की अकूत दौलत पर आयकर, ईडी सहित कई एजेंसियों की नजर
-केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल
-जेल में साधारण कैदी की तरह फर्श पर सो रहा गुरमीत सिंह, पहले खबरें आई थीं कि गुरमीत को वीआईपी सुविधाएं दी गई हैं
– डेरा कांड की हिंसा में मृतकों के शव मुर्दाघरों में रखे गए, बज रहे मोबाइल फोन, नहीं हुई पहचान
-पंचकूला कलेक्टर को भी हटाया
– 6 ट्रेनें पूरी तरह और 2 ट्रेनें आंशिक तौर पर रद्द
-हेल्प लाइन नंबर जारी : अंबाला 01711904 , चंडीगढ़ 01721904