लखनऊ,प्रदेश कांग्रेस ने गोरखपुर के मेडिकल कालेज में बच्चों की हुई मृत्यु के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगते हुए मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट पर सवाल खडा कर दिया है।
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कितना हास्यापद है कि एक तरफ सरकार कह रही है कि बच्चों की मृत्यु आक्सीजन की कमी से नहीं हुई है, दूसरी तरफ आक्सीजन आपूर्ति करने वाली फर्म के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा 304 और षडयंत्र 120 (बी) के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाता है। यह आपस में विरोधाभास है और इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि इस घटना में उप्र सरकार का रवैया स्पष्ट नहीं है। वह केवल लीपा-पोती में लगी हुई है। स्थानीय स्तर के कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कराकर सरकार इस मामले में अपना पल्ला झाड़ रही है। वहीं चिकित्सा मंत्री द्वारा अगस्त महीने में मौतों के बारे में एक शर्मनाक टिप्पणी की गयी थी। क्या सरकार ऐसा कोई कैलेण्डर जारी करेगी कि किस महीनें में कितनी-कितनी मौतें होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के परिवार से आते हैं। शायद वह इतिहास भूल गये जब श्री शास्त्री ने एक रेल दुर्घटना पर रेल मंत्री के पद से नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे दिया था तथा दोबारा जब जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्वकाल में उनसे मंत्री पद का अनुरोध किया गया तो वह केवल मंत्री पद ही लिये कोई (विभाग) नहीं लिया। क्या स्वास्थ्य मंत्री उनका अनुसरण करेंगे। प्रदेश के चिकित्सा षिक्षा मंत्री अब भी लगातार आॅक्सीजन की कमी से मौत के बारे में उलूल-जूलूल बयान दे रहे हैं। क्या यह उनका गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं है।
श्री कुमार ने कहा कि यहां यह प्रश्न उठता है कि जो मुख्य मंत्री अपने शहर के मेडिकल काॅलेज को संभाल नहीं सकते तो वह प्रदेष को कैसे चला पायेंगे? नैतिकता के आधार पर उनको इस घटना की जिम्मेवारी लेते हुए प्रदेश की जनता से माफी माॅगनी चाहिए तथा अपने पद से मुख्य मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने मांग की है कि इस घटना में मुख्य मंत्री समेत सभी जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही हो तथा पीड़ित परिजनों का समुचित आर्थिक अनुदान दिया जाये।