भोपाल,अगर आप किसी दुर्घटना पीडि़त व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाते हैं,तो अब आपके साथ कोई पूछताछ नहीं की जाएगी. उन्हें अस्पताल में रोका भी नहीं जाएगा. यह बात अब प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों के आकस्मिक विभाग व रोगी प्रतीक्षालयों में हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाएगी. इसके अलावा बाईस्टेंडर या गुड सेमेरिटन से पंजीयन एवं भर्ती शुल्क भी नहीं लिया जाता.इसे बोर्ड पर रेखांकित किया जाएगा.
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएँ द्वारा सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकायिों को कहा गया हैं कि सभी अस्पतालों में इन निर्देशों का पालन कराएं.
क्या हैं निर्देश
1 सडक़ पर घायल व्यक्ति चिकित्सा सेवा के लिये फोन कॉल करता है उसे फोन पर या आकर नाम और व्यक्तिगत विवरण देने के लिये बाध्य नहीं किया जाये.
2 चिकित्सक द्वारा देखभाल न करने पर भारतीय चिकित्सा परिषद् व्यवसायिक आचार, शिष्टाचार और नैतिक विनियम 2002 के अध्याय-7 व्यवसायिक कदाचरण में अनुशासनात्मक कार्यवाही हो .
3 बाईस्टेंडर या गुड सेमेरिटन के चाहने पर अस्पताल उसे घायल व्यक्ति को अस्पताल में लाने तथा समय और स्थान संबंधी पावती उपलब्ध करवायेगा.