भोपाल,प्रदेश के अधिकांश विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिवों में खींचतान देखने को मिल ही जाती है। लेकिन, अब सरकार ने कुलसचिवों के अधिकार कम कर इसे कुलपतियों को देने का मसौदा तैयार कर लिया है। इस हफ्ते होने वाली स्थायी समिति की बैठक में इसे रखा जाना है। यदि यह पारित हो गया तो कुलसचिवों के अधिकार छिन जाएंगे। स्थायी समिति की उपसमिति ने सभी विश्वविद्यालयों में एकरूपता के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया है। मालूम हो कि प्रदेश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में अपने अधिकारों को लेकर कुलपति और कुलसचिवों (रजिस्ट्रारों) में खींचतान होना आम है। प्रस्ताव को लेकर प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलसचिव लामबंद हो गए हैं। इस संबंध में सभी कुलसचिव और विभिन्न कॉलेजों के प्रोफेसर्स की बैठक भी होगी।
प्रस्ताव में कुलसचिवों से वित्त और परीक्षा नियंत्रण से मुक्त करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके तहत वित्त अधिकारी और परीक्षा नियंत्रक कुलसचिव को रिपोर्ट न कर सीधे कुलपति के अधीन होंगे। इसी तरह कुलसचिव के अधिकार कम करने से संबंधित और भी प्रस्ताव हैं। स्थायी समिति की उपसमिति जीवाजी विवि की कुलपति डॉ.संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में गठित है। इस बारे में विवि अधिकारी संघ के महासचिव डॉ.बी. भारती का कहना है कि हम स्थायी समिति की उपसमिति के प्रस्ताव का विरोध करते हैं। जिसमें कुलसचिवों के अधिकार कुलपति को देने की तैयारी है। यह न तो विधि सम्मत है और न ही व्यवहारिक है। इस प्रस्ताव को हम पारित नहीं होने देंगे।
कुल सचिवों के अधिकार होंगे कम, कुलपतियों के बढ़ेंगे मसौदा तैयार
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