हैदराबाद,अयोध्या के मामले में अब लगाता हैं कि मुसलमान ही आपस में विवाद खड़ा कर रहे है।क्योंकि उत्तर प्रदेश के शिया केंद्रीय वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि अयोध्या में विवादित स्थल से उचित दूर पर किसी मुस्लिम बहुल इलाके में मस्जिद का निर्माण किया जा सकता है। इस हलफनाम के बाद अब एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसके विरोध में बयान दिया है। ओवैसी ने यूपी के अयोध्या के राम मंदिर मुद्दे पर कहा है कि महज किसी मौलवी के कहने से मस्जिदें किसी के हवाले नहीं जा सकतीं, क्योंकि इबादतगाह का मालिक अल्लाह है। बात दे कि कुछ दिनों पूर्व उत्तर प्रदेश के शिया केंद्रीय वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि अयोध्या में विवादित स्थल से उचित दूर पर किसी मुस्लिम बहुल इलाके में मस्जिद का निर्माण किया जा सकता है। ओवैसी ने ट्वीट किया, मस्जिदें महज किसी मौलाना कहने से नहीं दी जा सकतीं, इनका मालिक कोई मौलाना नहीं बल्कि अल्लाह है। एक बार बनी मस्जिद,हमेशा मस्जिद रहती है, उन्होंने कहा, ‘मस्जिदों की देखरेख शिया,सुन्नी,बरेलवी,सूफी,देवबंदी,सलाफी,बौहरी कोई भी कर सकते हैं,लेकिन वह मालिक नहीं हैं,अल्लाह की मालिक है। उन्होंने कहा,मस्जिदें वे लोग बनाते हैं जो कयामत के दिन में भरोसा रखते हैं और केवल अल्लाह से डरते हैं,मस्जिद में नमाज पढ़ना मुसलमानों का कर्तव्य है,यह हिफाजत है। बात दे कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त से सुनवाई शुरु कर दी हैं इसकी अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। लेकिन इन सभी के बीच मुसलमान ही इस मामले में अलग-अलग बयान दे रहे है।
ओवैसी ने कहा: मौलवी के कहने से मस्जिद नहीं दे सकते
