लखनऊ, समाजवादी पार्टी की खींचतान और कश्मकश अखिलेश को साईकिल का चुनाव चिन्ह मिल जाने के बाद भी दूर नहीं हो पाई है.हालांकि सिंबल मिल जाने पर भी अखिलेश अपने पिता से दो बार मिल चुके हैं.जिससे ये माना जा रहा है कि दोनों के बीच किसी फार्मूले पर सहमति बन सकती है.
इधर,सूत्रों ने कहा कि मुलायम अपने बेटे से 38 विधानसभा सीटों के लिए टिकट मांग रहे हैं. वे सूची में कोई काटछांट नहीं चाहते हैं.अगर इस पर बात बन गई तो फिर अखिलेश के प्रत्याशियों के विरूद्व मुलायम अपनी ओर से कोई प्रत्यााशी खड़ा नहीं करेंगे.
सूत्रों के अनुसार सूची में शिवपाल यादव का नहीं बल्कि उनके बेटे आदित्य यादव का नाम है. शिवपाल पहले ही बता चुके हैं कि वे चुनाव नहीं लडऩा चाहते हैं. सिंबल पर जंग से पहले मुलायम सिंह ने कई उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी. लेकिन अब पार्टी की पूरी कमान अखिलेश के पास है एैसे में उनकी भी निर्भरता अखिलेश पर बढ़ गई है. मुलायम की सूची पर अखिलेश कोई सकारात्मक कदम उठा सकते हैं. जिससे सुलह का रास्ता खुद ही निकल सकता है. अखिलेश ने सोमवार को चुनाव आयोग से सिंबल मिलने के बाद पिता मुलायम से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया था. अखिलेश ने अपने सरकारी आवास 5 कालीदास मार्ग पर मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि पिता मुलायम से उनका कोई झगड़ा नहीं था.
उन्होंने कहा, अपने पिता के साथ मेरे संबंध कभी नहीं टूट सकते, उनके साथ मेरे मतभेद कभी नहीं थे. सच तो यह है कि हमारी और उनकी लिस्ट में 90 प्रतिशत उम्मीदवार एक ही हैं. अखिलेश ने यह भी कहा कि लड़ाई जरूरी थी, पर वह इससे खुश नहीं हैं.
शीला पीछे हटी
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सीएम उम्मीदवार शीला दीक्षित ने आज इस दावेदारी से अपने आपको बाहर कर लिया है. उन्होंने कहा कि एक प्रदेश से दो सीएम उम्मीदवार नहीं हो सकते. उल्लेखनीय है कि सपा से गठबंधन के बारे में सबसे पहले शीला दीक्षित ने ही कहा था कि सपा से बातचीत जारी है.