अहमदाबाद, बेंगलुरु स्थानांतरित किए गए गुजरात के 44 कांग्रेस विधायक सोमवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच अहमदाबाद वापस लौट आए। आठ अगस्त को गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव से पहले ये विधायक पिछले दस दिनों से बेंगलुरु के नजदीक एक रिज़ॉर्ट में ठहरे हुए थे। इस बीच, भाजपा ने अपनी तैयारियों को आखिरी रूप देना शुरू कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह शनिवार रात ही अहमदाबाद पहुंच गए हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत राज्य के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। वह खुद पार्टी की ओर से प्रत्याशी हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज्यसभा चुनाव होने तक शाह गुजरात में ही रहेंगे। सभी विधायक इंडिगो की फ्लाइट से सोमवार सुबह चार बजकर 45 मिनट पर अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे। विधायकों की सुरक्षा को देखते हुए एयरपोर्ट के बाहर रविवार सुबह आठ बजे से ही भारी पुलिसबल की तैनाती की गई थी। विधायकों के हवाई अड्डे पर उतरने से पहले ही प्राइवेट ट्रैवल कंपनी की दो बसें, एयरपोर्ट के बाहर लगा दी गई थीं। विधायक जैसे ही बाहर निकले, पुलिसवाले उन्हें बसों में बिठाने लगे। फिर विधायकों को अहमदाबाद से लगभग 77 किलोमीटर दूर स्थित आणंद के ‘निजानंद’ रिज़ॉर्ट ले जाया गया। इन्हें मतदान तक यहीं रखा जाएगा।
मंगलवार को गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। भाजपा ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अलावा हाल ही में कांग्रेस से बागी हुए बलवंत सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने राजपूत को मैदान में उतारकर कांग्रेस के उम्मीदवार और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के लिए सीधी चुनौती पेश कर दी है। चुनाव से पहले ही कांग्रेस के कई विधायक टूटकर भाजपा में शामिल हो गए। इससे अहमद पटेल के राज्यसभा पहुंचने का रास्ता मुश्किल होने लगा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उसके विधायकों को खरीदने के लिए प्रत्येक को 15 करोड़ रुपए और टिकट का प्रस्ताव दिया। इसके बाद ही, पार्टी को टूट से बचाने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने 44 विधायकों को कर्नाटक भेज दिया था।
गुजरात कांग्रेस के कद्दावर नेता शंकरसिंह वाघेला की पार्टी से नाटकीय विदायी और पार्टी के छह विधायकों के इस्तीफे के बाद 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 51 रह गई है। कांग्रेस ने 44 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है, जिन्हें एक हफ्ते पहले बेंगलुरु भेजा गया था। सात अन्य यहां पर हैं, जिन्होंने अपने पत्ते अभी तक खोले नहीं हैं। वहीं, संप्रग की सहयोगी रही एनसीपी ने भी, अब तक यह नहीं बताया कि उसके दो विधायक मंगलवार को किसके पक्ष में मतदान करेंगे। भाजपा की ओर से बलवंत सिंह राजपूत को मैदान में उतारने के बाद दो एनसीपी और एक जेडीयू विधायक की अहमियत बढ़ गई है। एनसीपी के गुजरात प्रमुख जयंत पटेल ने इस मसले पर कुछ बोलने से इनकार करते हुए कहा कि वह चुनाव वाले दिन अपने पत्ते खोलेंगे।