नई दिल्ली, देश में पहली बार लाइट मेट्रो दौड़ाने की तैयारी है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। यह दक्षिण भारत के केरल स्थित दो शहरों तिरुवनंतपुरम और कोचीकोड के लिए बनाया है। केंद्र सरकार ने अगर इसे मंजूरी दे दी तो में घनी आबादी वाले छोटे शहरों में कम बजट में मेट्रो पहुंचाने का सपना पूरा हो सकेगा। लाइट मेट्रो का यह योजना मेट्रो मैन डॉ. ई. श्रीधरन की देखरेख में चल रहा है। वह खुद इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। कम जगह और कम बजट में तैयार होने वाले इस मेट्रो के आने से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में भी मेट्रो सफर का सपना पूरा किया जा सकेगा। फिलहाल भारत में 20 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ही मेट्रो योजना को मंजूरी दी जाती है। लाइट मेट्रो का बजट सामान्य मेट्रो के बजट से 40 फीसदी कम होगा। इतना ही नहीं तीन से चार कोच वाले लाइट मेट्रो को बनाने के लिए जगह भी कम चाहिए। कारण, इस मेट्रो की चौड़ाई महज 2.7 मीटर होती है और इसे कर्व (मुड़ने) के लिए महज 60 मीटर का जगह चाहिए, जो सामान्य मेट्रो करीब 120 मीटर लेती है। दिल्ली मेट्रो ने लाइट मेट्रो पर दो शहरों तिरुवनंतपुरम और कोचीकोड के लिए डीपीआर तैयार किया है। इसके तहत तिरुवनंतपुरम में 21.82 किमी की लाइन बनेगी, जिसमें कुल 19 स्टेशन होंगे। इसे बनाने में पांच साल का समय लगेगा। 2021 तक इससे 3.2 लाख लोग सफर कर पाएंगे। इसी तरह कोचीकोड में लाइट मेट्रो की 13.33 किमी की एलिवेटेड लाइन होगी। इस पर 14 स्टेशन होंगे। इसका निर्माण चार साल में हो जाएगा।