बीजापुर,नक्सलियों को उनकी भाषा में सबक सीखने की तैयारी सीआरपीएफ ने कर ली है। अब छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर क्षेत्र में अब महिला नक्सलियों से लड़ने के लिए पुलिस ने महिला कमांडो को तैयार किया है, जो अलग-अलग इलाकों में गश्ती दल के साथ काम कर रहें हैं। महिला कमांडो डिस्ट्रक्टि रिजर्व गार्ड की आरक्षक संतोषी रावटे और उर्मिला कोरमी ने बताया कि जिस प्रकार से केंद्रीय सुरक्षाबल के जवान काम करते हैं, उसी प्रकार से हम भी नक्सलियों से मुकाबला करेंगे। घने जंगल और रात के अंधेरे में उन्होंने अपने साथी जवानों के साथ माओवादियों से लडऩे सर्चिंग की और तर्जुबा हासिल किया। महिला कमांडो ने बताया कि उन्होंने दो दर्जन से अधिक युवा आरक्षकों के साथ फरसेगढ़ इलाके के जंगल में एंटी नक्सली मूवमेंट के तहत सर्चिंग में हिस्सा लिया, इसके साथ ही 50 किलोमीटर गश्त की। दोनों को जंगलों में रहने, पेड़ों पर चढ़ने और तैराकी का प्रशिक्षण भी मिला है। विषम परिस्थितियों में जंगल में खुद को ढालने के बारे में भी जानकारी है। मच्छरों से बचने के उपाय एंव विषधारी जीवों से रक्षा की जानकार हमें है। एलएमजी, एके 47, एसएलआर, इंसास आदि हथियारों के चलाना भी आता है। पुलिस अधीक्षक के एल ध्रुव ने कहा कि दोनों महिला कमांडो जंगल में सर्चिंग के लिए खुद टीम को लीड करने की क्षमता रखती है। हालांकि छत्तीसगढ़ फरसेगढ़ इलाके में इनका मुकाबला माओवादियों से अभी नहीं हआ। लेकिन वह ऐसी दशा में नक्सलियों को मात दे सकती हैं। सरकार लगतार नक्सल विरोधी अभियान चलाकर उनके मरने का काम कर रही हैं अब महिला कंमाडर के आने के बाद इस मुहिम को और अधिक बल मिलेगा।