नई दिल्ली,हाल के दिनों में पीएम मोदी इजरायल की ऐतिहासिक यात्रा करके वापस लौटकर आए हैं,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल दौरे के समय ये सवाल हर भारतीय के मन में था कि प्रधानमंत्री फिलिस्तीन क्यों नहीं गए, ज्यादातर लोगों ने अनुमान के आधार पर इसका निष्कर्ष निकाला, लेकिन अब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसका खुलासा किया है। दरअसल यूरोप दौरे पर चेक गणराज्य, पोलैंड और स्लोवाकिया के नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक के दौरान नेतन्याहू का पर्सनल माइक बंद नहीं था और उनकी बातचीत कमरे के बाहर भी सुनाई दे रही थी,इससे पहले कि इजरायली प्रधानमंत्री का स्टॉफ माइक बंद करता, पत्रकारों ने उनकी बात दर्ज कर ली थी। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का जिक्र करते हुए भारत के साथ मजबूत संबंधों का हवाला देकर नेतन्याहू फिलिस्तीन के मुकाबले इजरायल की प्रतिष्ठा को गिनाते हैं,इजरायली अखबार के मुताबिक, नेतन्याहू ने बैठक में मौजूद नेताओं से कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने लोगों के लिए पानी चाहिए,मैं कहां से लाऊंगा? रामल्लाह से? नहीं।
फिलिस्तीन के पश्चिमी तट पर स्थित रामल्लाह एक महत्वपूर्ण शहर है, जहां भारत सहित तमाम देशों के उच्चायोग स्थित हैं, इजरायल का दौरा करने वाले दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष परंपरागत रूप से यहां रूकते हैं,दिलचस्प बात ये है कि मोदी अपनी इजरायल यात्रा के दौरान रामल्लाह में नहीं रूके, माना जाता है कि मोदी का ऐसा करना विदेशी संबंधों के मामले में इजरायल और फिलिस्तीन को जोड़ने की प्रवृत्ति को तोड़ना था,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के संबंध में नेतन्याहू की टिप्पणी ट्रेड डील के लिए यूरोपियन यूनियन को अपनी शर्तों पर राजी करने को दर्शाती है, यूरोपियन यूनियन इस डील को इजरायल-फिलिस्तीन शांति प्रस्ताव के अनुकूल नहीं मानता है।
खबरों के मुताबिक नेतन्याहू ने पूर्वी यूरोप के चार नेताओं से कहा कि इजरायल के प्रति यूरोपीय यूनियन का व्यवहार बहुत क्रेजी है,उन्होंने कहा कि यूरोपीय यूनियन राष्ट्रों का एकमात्र संघ है जिसके रिश्ते इजरायल के साथ शर्तों पर आधारित हैं, जो राजनीतिक शर्तों के मुताबिक हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का निर्माण करता है, ऐसा कोई नहीं करता। नेतन्याहू ने फिर चीन और भारत का जिक्र किया,उन्होंने कहा कि दोनों देश इजरायल के साथ अपने संबंधों में फिलिस्तीन फैक्टर के बारे में नहीं सोचते, इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन के साथ हमारे खास रिश्ते हैं और वे इसकी परवाह नहीं करते,उन्हें राजनीतिक मुद्दों की फिक्र नहीं है। भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें अपने लोगों के लिए पानी चाहिए? मैं कहां से पानी लाऊंगा? रामल्लाह से? नहीं। नेतन्याहू ने यूरोप के विकास को इजरायल के विकास से जोड़ा और कहा कि इजरायल यूरोपीय संस्कृति का हिस्सा है,यूरोप इजरायल में आकर खत्म होता है,पूर्वी इजरायल के बाद फिर कहीं यूरोप नहीं है। उन्होंने भारत-चीन के अलावा अरब देशों के साथ इजरायल के संबंधों को भी गिनाया, इसके साथ ही अमेरिका के साथ इजरायल के संबंधों का जिक्र किया,नेतन्याहू ने बराक ओबामा की नीतियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि चीजें अब बदल गई हैं और अमेरिका-इजरायल के रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हैं,इसके बाद माइक तुरंत बंद कर दिया गया, इजरायली अखबार ने इसका ऑडियो वर्जन भी जारी किया है, जिसे संपादित किया गया है।
इजरायल के PM नेतन्याहू ने बताया PM मोदी क्यों नहीं गए फिलिस्तीन?
