अहमदाबाद,गुजरात कांग्रेस ने शंकरसिंह वाघेला के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह उनकी बड़ी राजनीतिक भूल है| शंकरसिंह वाघेला के राजनीतिक संन्यास पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुजरात कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत ने कहा कि वाघेला ने पहली गलती भाजपा छोड़ने की और दूसरी गलती कांग्रेस को छोड़ दी| गहलोत के मुताबिक वाघेला लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं कि उन्हें कांग्रेस से निकाल दिया गया| जबकि गुजरात कांग्रेस में शंकरसिंह वाघेला की बातों को सबसे ज्यादा अहमियत दी जाती थी| वाघेला की वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें गुजरात प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया, तत्कालीन मनमोहनसिंह की सरकार में केन्द्रीय मंत्री बनाया गया, गुजरात विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया| कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी पूरे विश्वास के साथ ये तमाम जिम्मेदारियां वाघेला को सौंपी थीं| इसके बावजूद विधानसभा चुनाव के चार महीने पहले अचानक पार्टी छोड़ने का वाघेला का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जा सकता है| गहलोत ने कहा कि न जाने किसके दबाव में आकर वाघेला ने ऐसा फैसला किया है| उन्होंने कहा कि वाघेला के जाने से गुजरात कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा| गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनना तय है|
गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल और राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने पत्रकारों से बातचीत में शंकरसिंह वाघेला ने उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मुझे 24 घंटे पहले ही पार्टी से निकाल दिया| कांग्रेस नेताओं ने कहा कि शंकरसिंह वाघेला वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं तथा कांग्रेस ने उन पर पूरा भरोसा किया था| कांग्रेस से विपरीत विचारधारा से आए होने के बावजूद कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष, केन्द्रीय मंत्री पद, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद दिए| हाईकमांड चाहता था कि वाघेला कांग्रेस में रहें और नेता प्रतिपक्ष रहते हुए पार्टी को नेतृत्व प्रदान करें| कांग्रेस ने उन्हें सत्ता और सम्मान दोनों ही दिया, वहां उनकी अवगणना किए जाने की बात समझ से परे है| जबकि आज शंकरसिंह वाघेला ने सार्वजनिक तौर पर सम्मान और सहयोग के लिए कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है| कांग्रेस के सभी नेताओं ने वाघेला से अनुरोध किया था कि वे अपने जन्म दिन पर कांग्रेस छोड़ने का ऐलान न करें| लेकिन वाघेला ने कांग्रेस से कहा था कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तो वे पार्टी को अलविदा कर देंगे| कांग्रेस नेताओं के मुताबिक शंकरसिंह वाघेला को प्रदेश अध्यक्ष बनना था|