लखनऊ,यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार अखिलेश यादव के कार्यकाल में यूपीपीएससी (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) द्वारा की गईं सभी भर्तियों की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। इस बात का ऐलान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में किया। योगी ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान भर्तियों में जमकर गड़बड़ी हुई थी। उन्होंने कहा कि भर्तियों की सीबीआई जांच होगी और गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात रहे कि अखिलेश सरकार के दौरान यूपीपीएससी की भर्तियों में एक जाति विशेष के लोगों को भर्तियों में तरजीह दिए जाने के आरोप लगे थे। योगी सरकार द्वारा इन भर्तियों की सीबीआई जांच के आदेश के बाद 2012 से लेकर अब तक हुईं भर्तियों के भविष्य पर सवाल तो उठ ही रहे हैं, यूपीपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन अनिल यादव की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। यादव को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
सीबीआई जांच के आदेश के बाद करीब 15 हजार भर्तियों पर ग्रहण लग चुका है। यूपीपीएससी द्वारा पीसीएस अफसरों, डॉक्टरों, इंजिनियरों आदि की भर्ती की गई थी। इससे पहले योगी सरकार ने भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद यूपीपीएसी द्वारा की जा रही 22 भर्तियों के इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी। अखिलेश राज के दौरान यूपीपीएससी के अलावा अन्य भर्तियां भी विवादों में रहीं। बता दें कि अखिलेश सरकार के दौरान ज्यादातर भर्तियों का मामला अदालत में पहुंचा। प्राइमरी टीचर्स की भर्ती, शिक्षामित्रों के समायोजन और यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टरों की भर्ती का मामला तो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। 72,825 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती और शिक्षामित्रों के समायोजन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
अखिलेश के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों की CBI जांच होगी
